Haryana

सूरजकुंड मेले में सारंगी और खंदरी(डपली) की धुन पर लोगों ने जमकर किया डांस

सूरजकुंड मेले में सारंगी बजाते रामनाथ

कैथल के रामनाथ अपने ग्रुप के साथ कर रहे हैं 31 वर्षों से सारंगी और खंदरी की प्रस्तुति

फरीदाबाद, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में कैथल के रामनाथ अपनी सारंगी की मधुर धुन पर पुरुषों के साथ साथ महिलाओं और युवाओं को नाचने पर मजबूर कर देते हैं। रामनाथ हरियाणवी संस्कृति से जुड़े लोकगीतों को गाते हुए और सारंगी को बजाते हुए मस्त हो जाते हैं। उनकी इस जुगलबंदी पर लोग थिरकने पर मजबूर हो जाते हैं। ंअंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्त शिल्प मेले में हरियाणवी लोकगीत काला काला करे गुजरी मत काले का जिक्र करें काले रंग पे मोरनी रुदन करें, हीर रांझा, मीरा इत्यादि ऐतिहासिक कहानियों से जुड़े लोकगीतों की प्रस्तुति देकर रामनाथ लोगों को अपनी आकर्षित करते हैं। रामनाथ जिला कैथल के ठिठाना गांव के रहने वाले हैं और उन्होंने बताया कि वह जब 20 साल के थे तब से इस सूरजकुंड मेले में सारंगी बजाने का काम करते हैं और अपनी लोक कला को जीवित रखने का काम कर रहे हैं। सारंगी वादक रामनाथ को यह कला पारंपरिक तौर पर अपने पिता से मिली है। उन्होंने बताया कि उन्हें गांव में भी लोग जोगी सारंगी वादक के रूप में जानते हैं और ग्रामीण स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में हीर रांझे व मीराबाई से जुड़े लोकगीतों को वह गाते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी वर्ष अब 60 वर्ष हो चुकी है उनके इस ग्रुप में कुल 6 सदस्य हैं और सभी सारंगी और खंदरी (डफली) को बजाते हैं।

(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर

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