RAJASTHAN

पेंशनभोगियों ने जानी डिजिटल जीवित प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया

शिविरों के आयोजन में उमड़ी भीड़।

अजमेर, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 के अंतर्गत गुरुवार काे अजमेर के विभिन्न स्थानों पर आयोजित डीएलसी शिविरों में बड़ी संख्या में पेंशनभोगियों ने फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) बनाने की प्रक्रिया को समझा और साथ ही अपना डीएलसी बनवाया। अजमेर में रेलवे परिसर, वैशाली नगर, जीपीओ, गांधी भवन आदि स्थानों पर इन शिविरों का आयोजन किया गया था। इसमें पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के कर्मियों के दल के साथ-साथ बैंक ऑफ बड़ोदा, इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक, पेंशन असोसिएशन के अधिकारियों और कर्मचारियों की सहभागिता रही।

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले या वयोवृद्ध पेंशनभोगियों तक पहुंचना है ताकि उन्हें भी इस तकनीक की जानकारी हो सके और इसका लाभ मिल सके। उन्हाेंने बताया कि हर साल की तरह पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने इस साल भी एक से 30 नवंबर 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 3.0 का शुभारंभ किया है। यह अभियान पूरे भारत में 800 शहरों व जिलों में चलाया जा रहा है, जो कई हितधारकों को एक साथ लाकर संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण को मूर्त रूप देता है। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए जीवन की सुगमता बढाने के लिए, फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके डीएलसी जमा करने की सुविधा 2021 में शुरू की गई थी। यह तकनीक पेंशनभोगियों को किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन का उपयोग करके जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की अनुमति देती है, जिससे बाहरी बायोमेट्रिक उपकरणों की आवश्यकता कम हो जाती है और प्रक्रिया अधिक सुलभ और सस्ती हो जाती है।

इस वर्ष का अभियान बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, पेंशनर्स एसोसिएशन, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशनभोगी, विशेष रूप से अति वरिष्ठ नागरिक और अक्षम व्यक्ति आसानी से अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकें। देशभर में शिविर लगाए गए हैं और स्मार्टफोन से लैस अधिकारियों ने बैंकों और डाकघरों की शाखाओं में पेंशनभोगियों की सहायता की है। शय्याग्रस्‍त पेंशनभोगियों को शामिल करने के लिए, उनके घर पर दौरा करने के विशेष प्रावधान किए गए हैं।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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