नाहन, 13 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विद्युत बोर्ड पेंशनर्ज फोरम की ददाहू में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए फोरम के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि विद्युत बोर्ड की खराब आर्थिक स्थिति के लिए बोर्ड का प्रबंधक वर्ग विशेषकर वित्तीय प्रबंधन पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।
इसकी वजह से पूर्व सरकार की ओर से संशोधित वेतनमानों व संशोधित पेंशन की बकाया राशि की पहली किस्त 50-50 हजार और 20 प्रतिशत संशोधित ग्रेच्युटी का भुगतान भी नहीं हो पाया है। यहां तक की 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेच्युटी की अदायगी मार्च 2024 और लीव-इन-कैशमैंट का भुगतान जुलाई 2023 तक हो पाया है।
खरवाड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 75 साल की आयु पार कर चुके पेंशनर्ज को शत-प्रतिशत बकाया राशि का भुगतान व अन्य पेंशनरों को भी सरकारी आदेशों के मुताबिक अदायगी नहीं हो पाई है। प्रदेश भर में समस्त पेंशनर्ज में भारी आक्रोश व्याप्त है। खरवाड़ा ने विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबंधक वर्ग से अतिशीघ्र लंबित पड़े वित्तीय लाभों की अदायगी करने की मांग की है।
विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि हर समय खतरों से जूझने वाले जोखिम पूर्ण कार्य को अंजाम देने वाले बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से वंचित रखना सरासर नाइंसाफी है। बैठक में खरवाड़ा सहित सभी वक्ताओं ने चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में निजीकरण के विरोध में हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का पुरजोर समर्थन करते हुए निजीकरण को कर्मचारी, पेंशनर्ज व आम जनमानस विरोधी करार देते हुए कहा कि यह निजीकरण कुछेक कॉर्पोरेट घरानों को मालामाल करने के लिए सरकारी संपत्तियों को लुटाया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर