Jammu & Kashmir

राज्य के विशेष दर्जे काे लेकर अपने संघर्ष को फिर से तेज करने का पीडीपी ने लिया संकल्प

Mehbooba Mufti

श्रीनगर, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पीडीपी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए अपने संघर्ष को फिर से तेज करने का संकल्प लिया। इसके लिए वह पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली सहित कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल करेगी।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने पार्टी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में अपनी आम परिषद की बैठक के दौरान इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया। पार्टी ने अपने मूलभूत सिद्धांतों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।

पीडीपी ने प्रस्ताव में कहा कि हम जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए सम्मान के साथ शांति के लिए अपने संघर्ष को फिर से तेज करने का संकल्प लेते हैं । राज्य के विशेष दर्जे के मुद्दे को हल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों का उपयोग करेंगेँ जिसमें 5 अगस्त, 2019 तक हमारे लोगों को भारत के संविधान के तहत जाे विशेष दर्जा प्राप्त था वापिस मिल सके । पार्टी ने भारत में मुसलमानों के खिलाफ नफरत के बढ़ते माहौल पर गहरी चिंता भी व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंसा को रोकने, मुसलमानों को निशाना बनाने से रोकने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करने का आग्रह किया।

पीडीपी ने प्रस्ताव में कहा कि हम भारत में विविधता, आपसी सम्मान और व्यक्तिगत अधिकारों और विश्वासों की सुरक्षा का जश्न मनाने वाले राष्ट्र के रूप में अपने विश्वास की पुष्टि करते हैं। आम परिषद ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई का भी आह्वान किया। पीडीपी ने कहा कि हम भारत भर की विभिन्न जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए तत्काल प्रक्रिया की मांग करते है। हम कमजोर या गैर-मौजूद आरोपों पर हिरासत में लिए गए सभी व्यक्तियों की रिहाई का आह्वान करते हैं और कैदियों को जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित करने की वकालत करते हैं। हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर स्वीकार किया कि हालांकि यह उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है लेकिन हमें विश्वास है कि निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों की चिंताओं, आकांक्षाओं और विचारों को प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।

आम परिषद ने यह भी उम्मीद जताई कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार अपने घोषणापत्र और प्रतिबद्धताओं में दिए गए महत्वपूर्ण जनादेश और विश्वास के अनुसार काम करेगी। पीडीपी ने कहा कि हालांकि हम देखते हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार की शुरुआती कार्रवाइयां इन उम्मीदों पर पूरी तरह खरी नहीं उतरी हैं। हम जम्मू-कश्मीर सरकार से जनादेश के वास्तविक सार को पहचानने और प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने का आग्रह करते हैं। पार्टी का मानना है कि सरकार को बिजली की कमी, बेरोजगारी, नशीली दवाओं के संकट, कैदियों की रिहाई और प्राकृतिक संसाधनों के अति दोहन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए जो पर्यावरण और पारिस्थितिकी को अपूरणीय क्षति पहुंचा रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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