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पीसीएस जे 2022 : मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं हाई कोर्ट में तलब 

इलाहाबाद हाईकोर्ट

– सात दिसम्बर तक याचियों के अंक वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश – किसी को शून्य तो किसी को कम अंक देने की शिकायत पर हाई कोर्ट ने मंगाई कॉपियां

प्रयागराज, 06 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में अदला-बदली और अभ्यर्थियों के अंक कम किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचियों की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं तलब कर ली हैं। कोर्ट ने इन उत्तर पुस्तिकाओं को सील बंद लिफाफे में न्यायालय में दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ताओं को मिले अंक शनिवार 7 दिसम्बर तक आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएं, ताकि अभ्यर्थियों को उन्हें प्राप्त अंकों की सही जानकारी हो सके। श्रवण पांडे और दर्जनों अन्य पीसीएस जे अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने दिया।

याचियों का कहना था कि उनके उत्तर पुस्तिकाओं पर जवाब सही होने के बावजूद या तो उन्हें शून्य अंक दिए गए हैं अथवा आश्चर्यजनक रूप से बेहद कम अंक दिए गए हैं। कुछ याचियों का यह भी दावा था कि उनके अंक कम कर दिए गए। याचियों का आरोप था कि प्रारम्भिक मूल्यांकन के बाद जानबूझ कर उनके अंक कम कर दिए गए। इसे देखते हुए खंडपीठ का कहना था कि इस स्थिति में उत्तर पुस्तिकाओं के न्यायिक मूल्यांकन की आवश्यकता है। कोर्ट ने आयोग के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि याचियों की उत्तर पुस्तिकाएं सील बंद लिफाफे में अदालत में प्रस्तुत की जाए।

अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों में छेड़छाड़ की शिकायत को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि याचियों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में मिले अंक वेबसाइट पर लोड कर दिए जाएं। यह काम शनिवार 7 दिसम्बर तक करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 12 दिसम्बर को करने का निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि, यूपी पीसीएस जे 2022 मुख्य परीक्षा को सबसे पहले अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। आरोप लगाया कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है और अंक बदले गए हैं। श्रवण पांडे की शिकायत पर आयोग ने स्वतः कदम उठाते हुए उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कर दिया। मूल्यांकन में 50 से अधिक कॉपियों के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई। इसके बाद कई अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इसी प्रकार की शिकायत की।

जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब तलब किया था। कोर्ट इस बात पर भी नाराजगी जताई कि लोक सेवा आयोग ने स्वयं ही अंतिम परिणाम में परिवर्तन करते हुए दो चयनित अभ्यर्थियों को बाहर करके दो अभ्यर्थियों को चयन में शामिल करने का निर्णय लिया तथा राज्य सरकार को उसकी संस्तुति भी भेज दी। कोर्ट अब इस मामले की 12 दिसम्बर को सुनवाई करेगा।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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