श्रीनगर, 22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच पीपुल्स कॉन्फ्रेंस इस मुद्दे पर जनता की राय जुटाने की योजना बना रही है। पार्टी आरक्षण नीति के निहितार्थों पर चर्चा करने और संभावित समाधानों की खोज करने के लिए अगले महीने एक सेमिनार आयोजित करके इस पहल की शुरुआत करने की योजना बना रही है।
पीसी यूथ के अध्यक्ष मुदासिर करीम ने एक प्रेस बयान में कहा कि पार्टी अगले महीने एक सेमिनार आयोजित कर रही है जिसमें इस बात पर चर्चा की जाएगी कि मौजूदा आरक्षण नीति कश्मीर घाटी के निवासियों को प्रतिस्पर्धात्मक स्थान से कैसे बाहर कर रही है।
उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मौजूदा आरक्षण नीति के पीड़ितों सहित विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष विधानसभा के अंदर और बाहर मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं। हाल ही में संपन्न बजट सत्र में सज्जाद गनी लोन मौजूदा आरक्षण नीति के सबसे मुखर आलोचक थे, उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी भाषी आबादी को सत्ता संरचना से बाहर करने और सामाजिक वर्चस्व को फिर से व्यवस्थित करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्षेत्रवार आरक्षण के आंकड़ों पर लोन के सवाल ने कश्मीर घाटी में आरक्षण नीति पर बहस को फिर से हवा दे दी।लोन के सवाल के जवाब में जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि जम्मू ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और अन्य आरक्षण प्रमाणपत्रों का भारी बहुमत हासिल किया है जबकि कश्मीर हर श्रेणी में बहुत पीछे है।
लोन ने खुद कहा है कि वह किसी भी समुदाय के लिए आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
