
जम्मू, 12 अप्रैल (Udaipur Kiran) । वरिष्ठ भाजपा नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्य सचिव पवन शर्मा ने मौजूदा प्रवेश सत्र के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के कई निजी स्कूलों द्वारा अपनाई जा रही शोषणकारी प्रथाओं पर गंभीर चिंता जताई है।
शर्मा ने भवन रखरखाव विकास शुल्क और परिवहन शुल्क जैसी विभिन्न अनुचित श्रेणियों के तहत अत्यधिक शुल्क लगाने की निंदा की इसे पहले से ही बढ़े हुए घर पर अनावश्यक बोझ बताया।
विकास शुल्क और परिवहन शुल्क उन्हें पहले से ही बढ़े हुए घरेलू बजट पर अनावश्यक बोझ बताते हैं। उन्होंने कहा ये अतिरिक्त शुल्क उचित सीमा से परे हैं और उन माता-पिता की आकांक्षाओं का शोषण करते हैं जो अपने बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहते हैं।
उन्होंने कुछ स्कूलों द्वारा पूर्ण प्रवेश शुल्क को वार्षिक शुल्क के रूप में छिपाने की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला जिससे नियामक जांच को दरकिनार कर दिया गया। शर्मा ने कुछ स्कूलों और चुनिंदा स्टेशनरी विक्रेताओं और वर्दी विक्रेताओं के बीच अनैतिक मिलीभगत की ओर भी इशारा किया।
अभिभावकों को विशिष्ट दुकानों से किताबें, वर्दी और अन्य सामग्री खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिससे उनकी पसंद सीमित हो रही है और अनावश्यक रूप से लागत बढ़ रही है।
संबंधित अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान करते हुए शर्मा ने प्रशासन से स्कूल शुल्क संरचनाओं और संबंधित प्रथाओं की पारदर्शिता, जवाबदेही और सख्त विनियमन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
