कोलकाता, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी समेत पांच लोगों की जमानत याचिका पर मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस तपोव्रत चक्रवर्ती की बेंच में सुनवाई समाप्त हो गई। जज ने फैसला टाल दिया। पिछली सुनवाई में सीबीआई ने भी प्रभावशाली थ्योरी पेश कर पार्थ के खिलाफ दलीलें दी थीं। वहीं, पार्थ चटर्जी के वकील ने सवाल उठाया कि सीबीआई कब तक जांच जारी रखेगी ?
इससे पहले जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस अपूर्व सिन्हा रॉय ने पांचों आरोपितों की जमानत याचिका से असहमति जताई थी। जस्टिस अरिजीत बनर्जी ने जमानत के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन जस्टिस अपूर्व सिन्हा रॉय ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। फिर मामला जस्टिस तपोव्रत चक्रवर्ती की तीसरी बेंच में चला गया।
जस्टिस तपोव्रत चक्रवर्ती की बेंच में आज पिछली सुनवाई में सीबीआई ने कहा कि पार्थ चटर्जी समेत पांच लोगों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है। लेकिन भ्रष्टाचार की समग्र जांच जारी है। ये पांचों अभी भी प्रभावशाली हैं।
सीबीआई ने आगे दलील दी, ऐसा नहीं है कि उन्हें सिर्फ इसलिए रिहा कर दिया जाएगा क्योंकि वे बूढ़े हो गए हैं। ये पांचों अपनी शिक्षा के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जिसका असर समाज पर पड़ रहा है।
पार्थ चटर्जी और शांतिप्रसाद सिन्हा के वकील मिलन मुखर्जी ने कहा कि यह मामला लंबे समय से कोर्ट में चल रहा है। जस्टिस देबांगशु बसाक ने जांच पूरी करने के लिए समय सीमा तय की थी। इसके बाद भी जांच अभी भी जारी है। क्या सीबीआई पक्षपातपूर्ण रहेगी ? जांच कब तक जारी रहेगी ? दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद जस्टिस तपोव्रत चक्रवर्ती ने फैसला स्थगित कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय