RAJASTHAN

पेपर लीक प्रकरण : बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका को पुलिस घेरे में आरपीएसी कार्यालय लाया गया

बाबूलाल कटारा को पुलिस घेरे में आरपीएससी लाया गया
बाबूलाल कटारा को आज अपराधियों की तरह पुलिस घेरे में आरपीएससी लाया गया

रामूराम राईका के साथ बेटे और बेटी की भी आरपीएससी में ही हुई शिनाख्त परेड

अजमेर, 9 सितंबर( हि.स)। राजस्थान लोक सेवा आयोग के पेपर लीक प्रकरण में आरोपी निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा, रामूराम राईका, उसके बेटे देवेश राईका और बेटी शोभा राईका को सोमवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग कार्यालय में एसओजी ने अपराधियों की तरह पुलिस घेरे में ले जाकर तस्दीक कराई। बाबूलाल कटारा जो कभी आरपीएससी में साहब हुआ करते थे। आज अपराधियों की तरह पुलिस घेरे में अपने चैंबर तक लाए गए और उन्हीं की मौजूदगी में उनका सीज चैंबर खुलवाया गया। आरोप है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक में आरोपी बाबूलाल कटारा ने ही पूर्व सदस्य रामूराम राईका को भर्ती परीक्षा का पेपर दिया था। कटारा पर सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने का भी आरोप है। अब दोनो को एक ही कमरे में बैठाकर आमने सामने एसओजी पूछताछ कर रही है।

सूत्रों के अनुसार आयोग के अफसरों और कटारा से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होगी। इधर, जोधपुर के एक स्कूल में एसआई पेपर में नकल करवाने को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। एसओजी की पूछताछ में सामने आया है पेपर से एक दिन पहले बाकायदा आरोपी कैंडिडेट्स के साथ स्कूल संचालक ने मॉकड्रिल की थी। पूरा सौदा 12 लाख रुपए में तय हुआ था।

फिलहाल बाबूलाल कटारा को लेकर आरपीएससी पहुंची एसओजी की टीम दस्तावेज खंगाल रही है। यहां कटारा से पेपर लीक को लेकर भी सवाल-जवाब किए गए हैं। दरअसल, आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका को भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। राईका ने पूछताछ में बताया था कि उसने पेपर कटारा से लिया था। इसके बाद कटारा को जयपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर फिर से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, एसओजी ने 31 अगस्त को राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) से 5 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए पांच आरोपियों में राईका का बेटा और बेटी भी शामिल है।

एसआई परीक्षा में अब तक 70 जने हो चुके गिरफ्तार.

सूत्रों के अनुसार एसओजी एसआई परीक्षा -2021 पेपर लीक मामले में अब तक 42 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर सहित 70 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अलग-अलग आरोपियों से पूछताछ में डेली नए खुलासे हो रहे हैं। अब जोधपुर के एक परीक्षा सेंटर को लेकर चौंकाने वाली जानकारी मिली है। दरअसल, परीक्षा से एक दिन पहले 14 सितंबर 2021 को परीक्षा केंद्र पर नकल करवाने के लिए बाकायदा मॉकड्रिल की गई थी।

इसमें पूर्व सैनिक, उसकी पत्नी, महिला मित्र और अन्य अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठने और पेपर सॉल्व करके पर्ची आने तक की प्रैक्टिस की गई। परीक्षा केंद्र पर महिला मित्र की मदद से ही साठगांठ करवाई गई थी। नकल से पूर्व सैनिक बिजेंद्र कुमार की भर्ती परीक्षा में 92वीं रैंक बनी। वहीं, पेपर सॉल्वर ने अब तक 100 से अधिक अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व करवाकर सरकारी नौकरी दिलवाई। परीक्षा केंद्र पर महिला मित्र की मदद से ही साठगांठ करवाई गई थी। नकल से पूर्व सैनिक बिजेंद्र कुमार की भर्ती परीक्षा में 92वीं रैंक बनी। वहीं, पेपर सॉल्वर ने अब तक 100 से अधिक अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व करवाकर सरकारी नौकरी दिलवाई। बिजेंद्र पूर्व सैनिक कोटे से परीक्षा में शामिल हो रहा था। इस पर बिजेंद्र ने खुद की महिला मित्र ब्यूटी पार्लर संचालिका रितु शर्मा से संपर्क कर सेंटर पर साठ-गांठ की थी। रितु ने खेमे का कुआं निवासी फर्नीचर का काम करने वाले अर्जुन प्रजापत से बात की। अर्जुन ने रोहिलाकलां में स्कूल संचालक अनिल सांखला से संपर्क करवाया। अनिल ने आदर्श स्कूल के मालिक सोमेश गोदारा से बात की। इसमें 12 लाख रुपए में पेपर सॉल्व करवाने का सौदा तय हुआ। पूर्व सैनिक बिजेंद्र कुमार ने सिलेक्शन के बाद निर्धारित राशि में से करीब 3 लाख रुपए नहीं दिए थे। इसको लेकर आपस में विवाद चल रहा था। इस बीच अर्जुन और रितु ने मिलकर एक कहानी रची। जिसमें एसओजी जांच से बचाने की एवज में 10 लाख रुपए की मांग की गई।

बिजेंद्र खुद के साथ करीब 8 लाख लेकर आया। देसूरिया गांव में अपने फौजी दोस्त के घर रुका। वहां से परीक्षा से दो दिन पहले 13 सितंबर 2021 को अपनी पत्नी और महिला मित्र रितु के साथ आया। रितु ने खुद के मित्र अर्जुन को सूचना देकर परीक्षा केंद्र पर जानकारी दिलवाई। जांच में सामने आया कि पेपर सॉल्वर ने अब तक 100 से अधिक अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवाई है। बिजेंद्र कुमार, उसकी महिला मित्र और पत्नी 14 सितंबर 2021 को ही परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए। वहां पर स्कूल के मालिक सोमेश ने केंद्र पर परीक्षा कक्ष में बैठने से लेकर पेपर सॉल्व होकर आने तक की मॉकड्रिल करवाई। अभ्यर्थियों को केवल परीक्षा के दौरान पेपर सॉल्व करने का नाटक कर टाइम पास करने के लिए कहा गया। पेपर सॉल्व होकर पर्ची आने के बाद में ओएमआर भरवाई जानी थी। इस दौरान स्कूल संचालक को रुपए भी दे दिए गए थे।

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(Udaipur Kiran) / संतोष

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