भीलवाड़ा, 31 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र में स्थित बैराठ माता मंदिर में मंगलवार सुबह पैंथर के जोड़े की मौजूदगी ने श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के बीच दहशत और उत्सुकता का माहौल पैदा कर दिया। यह जोड़ा मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ, जिससे घटना की पुष्टि हुई। यहां पहाड़ियों के ऊपरी भाग पर बैराठ माता का मंदिर स्थित है।
यहां नवरात्रि में देश व प्रदेश से काफी संख्या में भक्त बैराठ माता के दर्शन कर परिवार में सुख, शांति व समृद्धि की कामना करते हैं। अरावली की पहाड़ियों पर मंदिर स्थित होने के कारण वर्षा ऋतु में यहां की प्राकृतिक छठा अद्भुत और निराली होती है।
बैराठ माता मंदिर, जो धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है, अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है और जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर अक्सर वन्यजीवों की गतिविधियों के कारण चर्चा में रहता है, क्योंकि इसके आसपास की पहाड़ियों में पैंथरों की उपस्थिति पहले भी देखी गई है।
बैराठ माता के पुजारी गोविंद पाराशर ने बताया कि मंदिर अरावली की पहाड़ी पर स्थित है, जहां सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यहां सोमवार मंगलवार मध्यरात को दो पैंथर मंदिर परिसर में घुस आए। वे यहां से गुजरते हुए दिखे है। सुबह मंदिर में लगे सीसीटीवी के फुटेज में उनकी हलचल नजर आई। बदनोर सहित आसपास में काफी संख्या में पैंथर का मूवमेंट देखा जाता है, लेकिन रात को मंदिर में पैंथर का जोड़ा दिखाई दिया। मंदिर में शनिवार व रविवार को ही सेवा, पूजा और आरती होती है. अन्य दिन कपाट बंद रहते हैं। पैंथर के मूवमेंट का पता लगने पर मंदिर पुजारी और भक्तों की सुरक्षा को लेकर चिंता हो गई है। यहां पूजा के दौरान बड़ी संख्या में भक्त भी आते हैं। स्थानीय लोगों में पैंथर की मौजूदगी को लेकर डर और चिंता है।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग का दल मौके पर पहुंच गया। वन संरक्षक ने बताया कि पैंथर अभी इलाके में दिखाई नहीं दिए हैं, लेकिन उनके संभावित ठिकानों की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के आसपास का पहाड़ी इलाका पैंथरों का प्राकृतिक आवास है। ठंड और धूप से बचने के लिए वे मंदिर परिसर की ओर आए हो सकते हैं।
वन विभाग ने मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे समूह में यात्रा करें और वन्यजीवों से दूर रहें। मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने और अनावश्यक रूप से देर रात तक मंदिर में रुकने से बचने की सलाह दी है।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद