जौनपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । शास्त्री पुल से सटे गोमती नदी पर बन रहे नए पुल का पिलर टेढ़ा हो गया। निर्माणाधीन पुल की यह हालत देखकर लोग घबरा गये। इस कार्य में लगे मजदूरों ने लोहे के तार से बांधकर पिलर को धराशायी होने से बचाया।
पिलर टेढ़ा होने की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मानड ने मंगलवार को पुल बनाने वाली कंपनी के लोगों के साथ मौके का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान पुल बनाने वाली कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि पिलर का टिल्ट होना और शिफ्ट होना यह दोनों एक प्रक्रिया है। विल सिंकिग के दौरान यदि नीचे का स्टेटस हार्ड होता है तो यह किसी भी साइड दाहिने या बाएं झुक सकता है, जिसको सिंकिंग के दौरान ठीक कर लिया जाता है। उसका फाइनल रिजल्ट शून्य करना पड़ता है। पुल बनाने के दौरान लगभग 34 मीटर गहराई पर जाने के बाद जहां स्टेटस हार्ड मिलेगा या कहीं मिलेगा तो वह लेफ्ट राइट झुका दिखाई देगा। यह पुल बनाने के दौरान एक प्रक्रिया है। यह कहीं से कोई फाल्ट नहीं है। पुल बनाने के दौरान एक गाइडलाइन है जिसके द्वारा पूरा फॉर्मेट तैयार है कि कब यह टेढ़ा होगा और कब इसको सीधा करना है, स्विफ्ट और टिल्ट का एक प्रॉपर फॉर्मेट है।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पुल का पिलर जो निर्माणाधीन है टेढ़ा हो रहा है, इसको लेकर निर्माण कंपनी के मैनेजर पाठक के साथ हमने खुद इसका निरीक्षण किया है। जैसा कि बताया गया है कि पुल निर्माण के दौरान टिल्ट और शिफ्ट यह टेक्निकल प्रक्रिया है। जिसको की निर्माण प्रक्रिया समाप्त होने से पहले सही कर लिया जाता है, उनके इस तरफ से मैं संतुष्ट हूं।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा