जम्मू 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । शिवसेना हिंदुस्तान जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष पंडित राजेश केसरी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में खासकर सीमावर्ती इलाकों अरनिया और बिश्नाह में नशे की समस्या को रोकने के लिए पुलिस के प्रयासों की सराहना की। जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए केसरी ने सभी से आगे आकर क्षेत्र में नशे की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया। पुलिस की प्रशंसा करते हुए केसरी ने लोगों से नशे की तस्करी के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने और जम्मू.कश्मीर में एक सुरक्षितए स्वस्थ समुदाय को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नशे की लत से जूझ रहे युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से पुनर्वासित करना उन्हें नशे की लत से उबरने और समाज में फिर से शामिल होने में मदद करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दृष्टिकोण नशे की लत के मूल कारणों को संबोधित करता है रोजगार के लिए कौशल प्रदान करता है और उद्देश्य की भावना को बढ़ावा देता है। केसरी ने कहा कि व्यावसायिक प्रशिक्षण में विभिन्न कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं जैसे बढ़ईगीरी, वेल्डिंग या आईटी जैसे कौशल सिखाना जिससे व्यक्तियों को रोजगार योग्य बनने में मदद मिले, छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करके उद्यमशीलता को प्रोत्साहित किया जा सके।
केसरी ने कला और शिल्प के माध्यम से रचनात्मकता को बढ़ावा देने पर जोर दिया जो व्यक्तियों को खुद को अभिव्यक्त करने और आत्म.मूल्य की भावना विकसित करने में मदद कर सकता है। पुनर्वास केंद्र और संगठन व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग कर सकते हैं ताकि नशे की लत में योगदान देने वाले अंतर्निहित मुद्दों को संबोधित करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करके व्यापक सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने नशे की लत और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए चिकित्सा सहायता और उपचार प्रदान करने के अलावा व्यक्तियों को ऐसे सलाहकारों के साथ जोड़ने का भी सुझाव दिया जो पुनर्वास प्रक्रिया के दौरान उनका मार्गदर्शन और समर्थन कर सकें। केसरी ने आगे दावा किया कि व्यावसायिक प्रशिक्षण और पुनर्वास प्रदान करके हम नशे की लत वाले युवाओं को उनकी लत से उबरने, मूल्यवान कौशल विकसित करने और उत्पादक जीवन जीने के लिए सशक्त बना सकते हैं। नशीली दवाओं के साथ युवा पीढ़ी को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए नशीली दवाओं की तस्करी, निर्माण और वितरण के खिलाफ सख्त कानून लागू करनेए नियमित छापेमारी करने, निगरानी करने और नशीली दवाओं के नेटवर्क को खत्म करने के लिए खुफिया जानकारी एकत्र करने सहित बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
केसरी ने मांग की कि नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए दोषी लोगों को त्वरित और कड़ी सजा दी जाए और युवाओं को नशीली दवाओं के खतरों के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रमए रैलियां और कार्यशालाएं आयोजित की जाएं। उन्होंने माता.पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखने, मार्गदर्शन प्रदान करने और ज़रूरत पड़ने पर मदद लेने के लिए प्रोत्साहित किया। नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और सामाजिक सेवाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा दें। केसरी ने कहा कि एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर हम नशीली दवाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को नष्ट करने वालों के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकते हैं और एक सुरक्षितए स्वस्थ समाज बना सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी