–पं० हेरम्ब मिश्र स्मृति शिखर सम्मान समारोहप्रयागराज, 18 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । पण्डित हेरम्ब मिश्र स्मृति पत्रकारिता संस्थान की ओर से लब्धप्रतिष्ठ पत्रकार एवं विचारक पं० हेरम्ब मिश्र की स्मृति मे उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर ’पं० हेरम्ब मिश्र स्मृति शिखर सम्मान समारोह 2024’ का आयोजन हिन्दी साहित्य सम्मेलन के मण्डपम् सभागार में किया गया। प्रतिष्ठित संस्कृतिधर्मी, आकाशवाणी के पूर्व सहायक निदेशक एवं दूरदर्शन के पूर्व कार्यक्रम प्रमुख डॉ० लोकेश शुक्ल ने बतौर मुख्य अतिथि कहा पं० हेरम्ब मिश्र पत्रकारिता के वटवृक्ष रहे हैं। उन्होँने पत्रकारिता के मूल्यों के साथ समझौता नहीं किया था। वे आज भी पत्रकारोँ के लिए प्रेरणा पुरुष बने हुए हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति, गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक, स्वराज विद्यापीठ के कुलगुरु एवं प्रख्यात गांधीवादी चिन्तक-विचारक प्रो० रमाचरण त्रिपाठी ने कहा एक बहुत बड़ा काम, जो हेरम्ब मिश्र की स्मृति मे हो रहा है, वह सराहनीय है। आज जो लोग दिग्भ्रमित हैँ, उन्हेँ शिक्षक, साहित्यकार एवं पत्रकार ही दिशा दिखाने का काम करते आ रहे हैँ। यही कारण है कि पत्रकारिता एवं साहित्य समीचीन बोध की माँग करते हैँ। उन्होंने आगे कहा मूल्य, मन-मस्तिष्क बुद्धि बनाने वाली पत्रिकाएं तिरोहित हो गयी हैँ। जो दिखायी दे रही हैँ, वे ’व्यापारी मन’ बना रही हैं।
इस अवसर पर अध्यक्ष प्रो० रमाचरण त्रिपाठी और मुख्य अतिथि डॉ० लोकेश शुक्ल ने पत्रकारिता शिखर सम्मान से वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ श्रीवास्तव, साहित्य शिखर सम्मान से प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं प्रशासनिक अधिकारी डॉ० सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय तथा युवा मीडिया शिखर सम्मान से नवोदित मीडियाकर्मी तनु कुमारी को सुशोभित किया।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि डॉ० लोकेश शुक्ल एवं प्रो० रमाचरण त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का उद्घाटन किया। सुगम संगीतज्ञ डॉ० लोकेश शुक्ल ने माँ सरस्वती का वन्दन किया। संस्थान के निदेशक एवं पं० हेरम्ब मिश्र के पुत्र बंशीधर मिश्र ने अभ्यागतवृन्द का स्वागत किया। संयोजक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने अतिथि परिचय तथा सम्मानित की गयी तीनो प्रतिभाओँ की उपलब्धियों से श्रोताओँ को अवगत कराया। हेरम्ब मिश्र की परनातिन भुवि मिश्र ’कुहू’ ने भरतनाट्यम् नृत्यशैली के माध्यम से मोहक रामस्तुति प्रस्तुत की।
शिक्षा के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सारस्वत शिखर सम्मान से 97 वर्षीय शिक्षाविद् प्रेमशंकर खरे शारीरिक अस्वस्थता के कारण उपस्थित नहीं थे, फिर उन्हेँ उनके निवास स्थान जाकर सम्मानित किया गया। प्रेमशंकर खरे ने कहा हेरम्बजी एक लेखक और महान् विचारक थे। हम हेरम्ब की पत्रकारिता से निरन्तर सम्बन्धित रहे। अमरनाथ श्रीवास्तव ने कहा इस सम्मान प्राप्त करने के बाद मेरा दायित्व और बढ़ गया है। डॉ० सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा साहित्य समाज को संजीवनी देने का काम करता है। तनु कुमारी ने कहा मैने बड़ों से सीखा है, मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है।
वरिष्ठ पत्रकार अजामिल ने बताया कि जिन लोग से मैने पढ़ना-लिखना सीखा, उनमे हेरम्बजी का प्रमुख स्थान है। वरिष्ठ पत्रकार सुनील श्रीवास्तव ने कहा मैने हेरम्ब मिश्र को देखकर, पढ़कर, सीखकर पत्रकारिता सीखी और एकलव्य बना। हेरम्बजी के पुत्र बंशीधर मिश्र ने कहा “मेरे पिताजी बहुत पढ़ते थे। उनका कहना था किसी विषय पर कहने-लिखने से पहले उस विषय की गहराई मे जाओ।
संस्थान से कई दशक से सम्बद्ध शिखर सम्मान समारोह मे अध्यक्ष मुख्य अतिथि रहे तथा मीडिया शिखर सम्मान से समादृत देश के कई आकाशवाणी केन्द्रोँ सहित इलाहाबाद आकाशवाणी के पूर्व कार्यक्रम अधिशासी एवं इलाहाबाद दूरदर्शन केन्द्र के पूर्व वरिष्ठ निदेशक चिन्तक, विचारक स्मृति शेष श्याम विद्यार्थी की स्मृति मे एक शोकसभा आयोजित कर भावांजलि अर्पित की गयी। भाषाविद् आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने समारोह का संयोजन एवं संचालन किया। इस अवसर पर रामेन्द्र कुशवाहा, पुनीतकुमार श्रीवास्तव, शाम्भवी, डी०एन सारस्वत, मीनाक्षी मिश्र, मनु, राजेश पाण्डेय, अभिषेक केसरवानी, तनु, सौम्या जैन, संदीप दीक्षित आदि उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र