भोपाल, 03 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर एवं कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पंजाब के कट्टरपंथी बरजिंदर परवाना द्वारा उन्हें दी गई धमकी को लेकर कहा कि संभल के हरिहर मंदिर के बयान को समझने में उन्हें कुछ भेद हो गया, उन्हें एक बार फिर से मेरे बयान को सुनना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उप्र के संभल जिले में मस्जिद के एएसआई सर्वे के दौरान हरिहर मंदिर के प्रमाण मिलने पर बयान दिया था कि अगर कोर्ट इजाजत दे तो वहां संत समाज जाकर हरिहर मंदिर की स्थापना कर देगा। इसे अमृतसर स्थित हरमंदिर साहिब समझ लिया गया।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंगलवार को शिवपुरी जिले के करैरा में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान अपनी पदयात्रा से लेकर जान से मारने की मिली धमकी को लेकर बात की। उन्होंने जान से मारने की मिल रही धमकी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि वीडियो के माध्यम से हमें भी खबर मिली है। कोई जत्थे के सरदार परवाना जी हैं। उन्होंने हमारे वीडियो के अर्थ को अनर्थ समझा। मैंने पदयात्रा के मध्य में उत्तर प्रदेश के संभल में जो जामा मस्जिद के लिए कोर्ट में अभी मुकदमा चल रहा है, एएसआई सर्वे भी हुआ। सर्वे के तहत हरिहर मंदिर के प्राचीन लेख और इतिहास मिले…इस संबंध में बयान दिया था।
उन्होंने बताया कि मैंने कहा था- यदि कोर्ट अपना आदेश निकालेगी तो हम सब महात्मा वहां जाकर प्राण-प्रतिष्ठा और अभिषेक करेंगे। पंजाब के परवाना जी ने जान से मारने की धमकी दी है। सरदार हमारे, सिख हमारे भाई हैं। हमारा परिवार हैं। उनकी तालियां, गालियां, धमकियां, उनका प्यार सब हमें स्वीकार है। उनको समझने में थोड़ा सा भेद हो गया, इसलिए उन्होंने इस प्रकार के शब्दों को बोला है। एक बार हमारे बयान को फिर से सुनें। हम नहीं चाहते कि हिंदू और सिख दो अलग-अलग हो जाएं, क्योंकि हर मंदिर साहेब के प्रति हमारी स्वयं की निष्ठा है। हम स्वयं गुरुओं की पावन नगरी अमृतसर जाएंगे। परवाना जी हमारे अपने हैं। सिख धर्म के सब हमारे अपने हैं। परवाना जी ने जो भी कहा है, उनसे भूल हुई है।
दरअसल, पंजाब के कट्टरपंथी बरजिंदर परवाना का सोमवार को एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह एक मंच से यह कह रहे थे कि बागेश्वर धाम वाले साधु ने बयान दिया कि वह जो हरमंदिर है, वहां हम अपनी पूजा करेंगे। अभिषेक करेंगे और मंदिर बनाएंगे। बागेश्वर वाला बाबा नोट कर ले कि आज से उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चाहे जैसे मर्जी हो, तुझे भी मार डालेंगे। तू आ तो सही। हरमंदिर साहेब तो दूर, बागेश्वर वाला बाबा अमृतसर या पंजाब में आकर दिखाए।
हिंदुत्व के लिए भी एक बार और संशोधन
करैरा में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पं धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र के लिए संविधान में संशोधन के संबंध में कहा कि हमें लोगों के दिलों में संशोधन चाहिए। रही बात संविधान की तो भारत के संविधान में 125 से ज्यादा बार संशोधन हो चुका है। हिंदुत्व के लिए एक बार और हो जाएगा तो कोई बड़ी बात नहीं है। आधार हमारा एक है। भेदभाव मुक्त करना, जात-पात मुक्त करना। लोगों के दिल में तलवार से नहीं विचारों से बदलाव आए। सनातन के प्रति सतर्क हों। अपनी आवाज को बुलंद कर धर्म विरोधियों को प्रति उत्तर देने का सामर्थ्य रखें। इस आधार पर हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बन गया तो जातियां होंगी, पर जातिवाद नहीं होगा। हिंदू एक होगा, जातियों का सही स्थान होगा। जब उनसे सवाल किया गया कि शंकराचार्य जी ने कहा है कि आप जो हिंदुओं को जोड़ने की बात कर रहे हैं, राजनीतिक लोगों ने आपका इस्तेमाल किया है? पं. शास्त्री ने कहा कि वे हमारे आदर्श हैं। शंकराचार्यों पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। वे सनातन संस्कृति के आचार्य हैं। उन्हें कहने का पूरा अधिकार है। हमें यह अधिकार नहीं है। हमारा इस्तेमाल हमारे घरवाले नहीं कर पाए तो राजनेता क्या खाक करेंगे।
आजादी के समय हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति पर टिप्पणी करना, मेरी समझ से सही नहीं है। 1947 में मैं तो था नहीं। होते जो हम जरूर मांग करते। सत्ता में होते तो घोषित करते। पिछली बातें करेंगे तो हम अपनी बातों को सिर्फ फैलाएंगे। वर्तमान समय में जो घटना घटी हैं, चाहे वह बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की बात हो, बहराइच, बरेली की घटना, मेवात, मणिपुर, राजस्थान के कन्हैयालाल की घटना हो, इससे सिद्ध होता है कि विशेष वर्ग के लोग हिंदुओं को टारगेट कर रहे हैं और हिंदू आपस में बंटकर मर रहे हैं, इसलिए हिंदू राष्ट्र होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जब मुझसे देश या विदेश में इसे लेकर सवाल किए जाते हैं तो वो मुझसे मुंह की खाते हैं। कारण मेरे गुरुओं ने मुझे जो सिखाया है, मैं उससे उन्हें मुंह तोड़ जवाब देता हूं। मुसलमान को कुरान का ज्ञान, ईसाई को बाइबिल का ज्ञान, मुसलमान शुक्रवार को मस्जिद जाना नहीं छोड़ता, ईसाई रविवार को प्रेयर करना नहीं छोड़ता। हिंदू को न तो गीता का ज्ञान है ना ही पुराण का। हिंदू न तो मंदिर जाता है, न गुरुओं के पास। वह भगवान और त्योहारों का मजाक बनाता है। हिंदू अपने ही भगवान का रूप बना कर नचवाता है। यह एक विचित्र तर्क जरूर है। आपको दीवार या दुकानों के सामने लिखा मिल जाएगा राम बूट हाऊस। कभी अल्लाह बूट हाऊस लिखा किसी दुकान के सामने देखा है।
उन्होंने कहा कि पटाखों के हमारे देवी देवताओं के चित्र छपे मिल जाएंगे। वे भी अपने देवी-देवताओं को कभी नहीं छापते, क्योंकि वे इतने श्रद्धावान हैं, इतने कट्टर हैं। हम कट्टर नहीं हैं, इसलि हिंदू बर्बाद हो रहा है। इसलिए हम इंडोनेशिया, फिजी, नेपाल और मॉरीशस में अल्पसंख्यक हो गए। भारत के 9 राज्यों मणिपुर, मेघाल, त्रिपुरा, असम, केरल समेत इन राज्यों में तुम अल्पसंख्यक हो गए। धीरे-धीरे मध्यप्रदेश, यूपी में भी होगे। देश 2050 तक गजवा-ए-हिंदू हो जाएगा। अभी नहीं जागे तो कभी नहीं जाग पाओगे।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को यह देश छोड़ने की जरूरत नहीं है। यह देश सबका है। देश संविधान से चलेगा, न कि बाबा के ज्ञान से। सबको यहां रहने का अधिकार है। इस स्वीकारोक्ति के साथ कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे। हिन्दुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले बयानों को लेकर उन्होंने कहा कि जितने बच्चे, उतने ही अच्छे। क्वान्टिटी से ज्यादा क्वॉलिटी होनी चाहिए। बच्चा एक हो, लेकिन कट्टर हिंदू हो। तीन या चार बच्चे नहीं होने से परिवार का विखंडन हो रहा है। परिवार खत्म हो रहा है। न चाचा का सुख मिल रहा, न बुआ का सुख रहा, न मौसी का सुख मिल रहा। एक या दो बच्चे होने में यह सुख खत्म हो रहा है, इसलिए चार बच्चे जरूरी हैं। सौ करोड़ हिंदुओं में हमें एक करोड़ कट्टर हिंदुओं की जरूरत है। इस दुनिया में अभी तहलका मचा रखा है एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट) ने। हमारे हिंदुओं में एक ही सबसे बड़ी कमजोरी है। वो अपने तथ्यों को, गीता, रामायण पुराण को पढ़ता नहीं है या तथ्य रख नहीं पाता है। एआई के बाद भारत को बचाने के लिए एचआई (हिंदू इंटलेएक्चुअल) की जरूरत है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हत्याचार पर पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि हिंदुओं का अलग क्षेत्र होना चाहिए। बांग्लादेश में हिंदुओं को एकत्र होकर सड़कों पर आना चाहिए। वहां की सरकार को किसी भी हाल में हिंदुओं को सुरक्षा देनी चाहिए या इस्तीफा देना चाहिए। बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ पूरे विश्व के हिंदुओं को सपोर्ट करना चाहिए। ऐसा नहीं कर पाए तो हम बुजदिल हैं, कायर हैं, डरपोक हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर