RAJASTHAN

नदी सभ्यताओं की जननी, इनका संरक्षण करें : पंचायती राज मंत्री

नदी संरक्षण संगोष्ठी काे संबाेधित करते मंत्री दिलावर।

जयपुर, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने प्राकृतिक जल श्रोतों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि नदी मानव सभ्यताओं की जननी है। यदि नदियां सूख गई तो मानव सभ्यता संकट में पड़ जाएगी। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री कालवाड़ ग्राम पंचायत में बांडी नदी, ग्राम पंचायत नर्सरी में आयोजित नदी संरक्षण संगोष्ठी में बोल रहे थे।

मंत्री दिलावर ने कहा कि जल है तो जीवन है। अगर जल नहीं तो कल नहीं। यानी जीवन संकट में पड़ जाएगा। लेकिन आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम जल के महत्व को भूलते जा रहे है। नदियां और तालाब जल संग्रहण के प्राकृतिक स्रोत थे वो हमारी महत्वकांक्षाओं की भेंट चढ़ रहे है। जगह जगह अतिक्रमण कर हम नदियों और तालाब को नुकसान पहुंचा रहे है। जबकि हमारे पुरखे नदियों और तालाबों की पूजा करते थे। वो जानते थे कि पानी के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है। हमारी भारतीय संस्कृति में बच्चे के जन्म के समय कुआं पूजन की परंपरा है। जो ये बताता है जन्म के बाद जीवित रहने के लिए पानी अतिआवश्यक है।

दिलावर ने उपस्थित लोगों से अपील की कि जल के महत्व को पहचाने और नदी, तालाब और कुओं के संरक्षण को प्राथमिकता दें। नदी नहीं रहेगी तो हम भी नहीं रह पाएंगे। क्योंकि नदियां प्रकृति शुद्ध जल का भंडार तो है ही, ये भूमि जल को भी रिचार्ज करती है। जिसके कारण भूमि में जल स्तर बढ़ता है और पेड़, पौधे, प्रकृति फलती फूलती है। भूमि जल से ही खेती होती है और हमें अन्न और भोजन मिलता है। इसलिए हर हाल में हमें इस अमृत रूपी जल को बचाना होगा।

कार्यक्रम में मंत्री दिलावर ने उपस्थित लोगों को नदी संरक्षण और उसे प्रदूषित नहीं करने के लिए शपथ भी दिलवाई।

कार्यक्रम के प्रारंभ में कालवाड़ के सरपंच त्रिवेंद्र सिंह राजावत ने शिक्षा एवं पंचायती मंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में विकास अधिकारी झोटवाड़ा हरि सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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