नाहन, 30 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिला सिरमौर के विकास खंड संगड़ाह की ग्राम पंचायत कोटीधिमान की महिला प्रधान को उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में वह अपने कर्त्तव्यों के निवर्हन में अवचार के लिए प्रथमदृष्टया दोषी पाई गईं, जिसके आधार पर जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार संगड़ाह तहसील के गांव कालथ निवासी दुर्गाराम पुत्र जातिराम का एक शिकायत पत्र डीसी सिरमौर के माध्यम से जिला पंचायत अधिकारी को प्राप्त हुआ था, जिसे प्रारंभिक छानबीन के लिए बीडीओ संगड़ाह को भेजा गया। मामले की जांच के बाद प्रारंभिक जांच रिपोर्ट संबंधित कार्यालय को प्राप्त हुई। इस रिपोर्ट का गहन अध्ययन और अवलोकन करने पर ग्राम पंचायत कोटीधिमान की प्रधान अपने कर्त्तव्यों के निवर्हन में दोषी पाई गईं।
शिकायत के अनुसार संबंधित पंचायत प्रधान पर टीपरा से रजाइना सड़क मरम्मत निर्माण की पेमेंट न करने और पेमेंट का चेक अपने पास रखने के साथ-साथ गत एक वर्ष में विकास कार्यों में कोई भी दिलचस्पी न दिखाए जाने के आरोप लगे थे।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार संबंधित प्रधान और पंचायत सदस्यों को जांच अधिकारी द्वारा बीडीओ कार्यालय बुलाया गया। जहां टीपरा से रजाइना सड़क मरम्मत निर्माण की अदायगी संबंधित को करने के आदेश हुए, लेकिन बीडीओ संगड़ाह के लिखित और मौखिक निर्देशों के बावजूद भी संबंधित प्रधान ने इस कार्य की अदायगी करने संबंधित कोई भी कार्रवाई नहीं की।
जांच में यह भी सामने आया कि गत एक वर्ष से पंचायत में किसी भी योजना के अंतर्गत किए जाने वाले विकासात्मक कार्य करवाने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में लगातार स्मरण करवाने के बावजूद भी संबंधित प्रधान किसी भी कार्य को आरंभ करवाने अथवा किसी किए हुए कार्य का भुगतान करवाने में असफल रही।
इस आरोपों को लेकर संबंधित पंचायत प्रधान को अपना पक्ष रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 18 सितंबर को प्रधान ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद दोनों पक्षों (प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और प्रधान के उत्तर) को जानने के बाद प्रधान के जवाब की नियमानुसार समीक्षा की गई। गहनता से समीक्षा करने पर प्रधान का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया।
उधर, जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर अभिषेक मित्तल ने बताया कि कोटीधिमान पंचायत प्रधान को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और आरोपों का जवाब संतोषजनक न पाए जाने के बाद निलंबित किया गया है। अब नियमों के मुताबिक इसकी नियमित जांच होगी। साथ ही उन्हें पंचायत की चल व अचल संपत्ति को तुरंत सचिव को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर