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पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट का ट्रायल कोर्ट को मई, 2022 के दंगों से जुड़े लंबित मामले चार महीने के भीतर निपटाने का निर्देश

पाकिस्तान में 09 मई 2020 को हुए दंगों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थकों की गिरफ्तारी हुई थी। फोटो-फाइल

इस्लामाबाद, 08 अप्रैल (Udaipur Kiran) पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मई, 2022 के दंगों से जुड़े लंबित मामलों को चार महीने के भीतर निपटाकर फैसला सुनाने का निर्देश दिया है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को यह आदेश आज पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

याचिका में 9 मई की घटना के संदिग्धों की जमानत रद्द करने की मांग की गई थी। इस दौरान संदिग्धों के वकीलों में से एक ने सवाल उठाया कि चार महीने में मुकदमा कैसे पूरा किया जा सकता है। इस पर सीजेपी ने टिप्पणी की, ”मर्दन में मशाल खान की हत्या का मामला था, उस समय मैं पेशावर उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश था। मशाल खान हत्या मामले की सुनवाई तीन महीने में पूरी हुई थी। आतंकवाद निरोधी अदालत ऐसा करने में सक्षम है।”

शीर्ष अदालत ने कल की सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट को 9 मई के संदिग्धों की जमानत रद्द करने से संबंधित कुछ मामलों में तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

भ्रष्टाचार के एक मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के परिसर से पीटीआई के संस्थापक इमरान खान की गिरफ्तारी से दंगे भड़क उठे थे। दंगाइयों ने लाहौर में कोर कमांडर हाउस और रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) सहित नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। इसके बाद गिरफ्तार किए गए पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं में से कई लोगों को जमानत पर रिहा किया जा चुका है।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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