
जम्मू, 19 मई (Udaipur Kiran) । मिशन स्टेटहुड के अध्यक्ष सुनील डिम्पल ने रविवार को जम्मू में एक विरोध रैली का नेतृत्व किया, जिसमें पाकिस्तान और तुर्की के खिलाफ़ जोरदार मांग उठाई गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे तब तक सैन्य अभियान जारी रखें जब तक कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), गिलगित और बाल्टिस्तान को भारत में पूरी तरह से शामिल नहीं कर लिया जाता।
रैली के दौरान डिम्पल ने पाकिस्तान के खिलाफ़ बलूचिस्तान, पीओके, गिलगित और बाल्टिस्तान के लोगों के स्वतंत्रता संघर्ष में उनके समर्थन की आवाज़ उठाई। उन्होंने भारत सरकार से तुर्की का पूरी तरह से बहिष्कार करने का आह्वान किया, आरोप लगाया कि तुर्की ने पाकिस्तान को मिसाइलों और ड्रोन सहित सैन्य सहायता प्रदान की है।
डिम्पल ने प्रधानमंत्री से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को समाप्त करने का आग्रह किया और विवादित क्षेत्रों का भारत द्वारा पूर्ण एकीकरण किए जाने तक किसी भी भारत-पाक शांति वार्ता या युद्धविराम समझौते का विरोध किया। सीमा पर नागरिक प्रभाव पर चिंता जताते हुए डिंपल ने सीमा पर गोलाबारी से प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल नकद राहत और मुआवजे की मांग की जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपने घर या प्रियजनों को खो दिया है।
उन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से युद्ध प्रभावित और विस्थापित परिवारों को त्वरित वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने की अपील की। अलगाववादी तत्वों पर निशाना साधते हुए एक तीखे बयान में डिंपल ने हुर्रियत नेताओं के रिकॉर्ड की समीक्षा करने की मांग की, जिसमें दावा किया गया कि उनमें से कई अभी भी पाकिस्तान के लिए स्लीपर सेल या ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने हुर्रियत के पूर्व सदस्यों पर अविश्वास व्यक्त किया जिन्होंने हाल ही में समूह से खुद को अलग कर लिया है।
डिंपल ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात से कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने और जम्मू क्षेत्र में भी इसी तरह की कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने संदिग्ध अलगाववादी समर्थकों पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
