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पहलगाम आतंकी हमला: पूर्व वायुसेना प्रमुख और पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा, पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय

कोलकाता, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर देश के दो पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारियों-वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा (सेवानिवृत्त) और सेना प्रमुख जनरल शंकर रॉयचौधरी (सेवानिवृत्त) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दोनों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि भारत को फिर से उरी और बालाकोट जैसे सैन्य ऑपरेशन करने चाहिए।

पूर्व वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने (Udaipur Kiran) से कहा, भारत ने यह मिथक तोड़ दिया है कि दो परमाणु संपन्न राष्ट्रों के बीच पारंपरिक युद्ध नहीं हो सकता। हमने उरी और पुलवामा के बाद इसका जवाब दिया था और अब भी समय आ गया है कि हम दुश्मनों को बता दें कि वे किससे टकरा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सैन्य कार्रवाई कब और कैसे होनी चाहिए, यह तय करना अब उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत ऐसा करने में सक्षम है और पहले भी ऐसा कर चुका है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना अब शर्म की सीमाएं पार कर चुकी है और अपने देश की दुर्दशा से ध्यान हटाने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है।

शंकर रॉय चौधरी: खुफिया तंत्र की विफलता, जिम्मेदारी तय होपूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर रॉय चौधरी ने इस हमले को स्पष्ट रूप से खुफिया तंत्र की विफलता बताया। उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि कहीं न कहीं खुफिया चूक हुई है। कोई न कोई इसके लिए जिम्मेदार है और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

उन्होंने पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे उसी हाथ है। इतने आतंकी घुसपैठ कैसे कर गए? इसकी गहन जांच होनी चाहिए।

केवल कूटनीतिक कार्रवाई काफी नहींरॉय चौधरी ने भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कूटनीतिक कदमों को अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा, अब प्रतिरोधात्मक कदम उठाने होंगे। केवल पारंपरिक कूटनीति पर्याप्त नहीं है। हमें उसी भाषा में जवाब देना होगा। अब बहुत हो चुका।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर आतंकी हमले में किसी अंदरूनी व्यक्ति की भूमिका रही हो तो उस पर भी नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं सीधे तौर पर यह नहीं कह रहा, लेकिन हमें सजग रहना होगा। पाकिस्तान और आईएसआई हमेशा षड्यंत्र रचते रहे हैं।

तकनीकी और मानवीय खुफिया तंत्र को मजबूत करने की सलाहअरूप राहा ने भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए उन्नत तकनीकों जैसे सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन और मानव खुफिया (ह्यूमन इंटेलिजेंस) को मिलाकर मजबूत खुफिया ढांचा तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा, हम खुफिया चूक का खामियाजा पहले भी भुगत चुके हैं और अब भी भुगत रहे हैं।

साल 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्चपैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें करीब 150 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था। इसके दो साल बाद, पुलवामा में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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