मंडी, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमालय में पर्यावरण संरक्षण और केंद्र शासित प्रदेश लदाख में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर मशहूर पर्यावरणविद सोनम वांगचु की हिमालय संरक्षण लदाख से दिल्ली पदयात्रा शनिवार को कल्लू, पंडोह से होते हुए मंडी पहुंची। मंडी से चार किलोमीटर पहले बिंद्रबणी स्थित हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी में इस यात्रा का विभिन्न संगठनों की ओर से स्वागत किया गया। इस अवसर पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति मंडी, भूमि अधिग्रहण मंच, कांग्रेस सेवादल, महिला मंडलों एवं डिग्री कालेज मंडी के छात्रों और प्राध्यापकों ने इस पदयात्रा दल का स्वागत कर सोनम वांगचु से मुलाकात की।
इस अवसर पर सोनम वांगचु ने कहा कि उनकी यह यात्रा एक सितंबर को लदाख से शुरू हुई है और दो अक्तुबर को दिल्ली में संपन्न होगी। उन्होंने बताया कि हिमालय के पर्यावरण संरक्षण के अलावा उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य लदाख में लोकतंत्र की बहाली करने का भी है। क्योंकि धारा 370 हटने के बाद अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने से विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि सडक़ें बनने से विकस नहीं होता है। विकास में स्थानीय लोगों की हिस्सेदारी नहीं हो पा रही है। वांगचु ने कहा कि यह क्षेत्र पर्यावरण ही नहीं देश की रक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील है। इसलिए यहां पर लोकतंत्र की बहाली कर लोगों पर भरोसा करें। उन्होंने बताया कि हिमालय पर्यावरण के नजरिए से नाजुक है, इसका संरक्षण कैसे होना चाहिए इसके लिए सरकार के साथ-साथ लोगों को जागरूक होना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि विकास के नाम पर पहाड़ों की तबाही का खेल बद होना चाहिए। हिमालय की व्यथा को समझने कीजरूरत है। अगर विकास जरूरी है तो पहाड़ों का विनाश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सादगी भरा जीवन भारत की परंपरा है। सादगी भरा जीवन जरूरी है, महानगरों के लोगों की अयासी के लिए पहाड़ों का विनाश रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमालय के लोगों का जागरूक होना जरूरी है, तभी राजनीतिज्ञ भी जागरूक और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे। पहाड़ों में वन लेन सडक़ें पर्याप्त है, मगर इन्हें टू लेन फिर फोर लेन बनाने के लिए पहाड़ों को काटा जा रहा है। यह सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है, आगे चल कर सिक्स लेन और आठ लेन तक जा सकता है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा