Jammu & Kashmir

पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने आईआईएम जम्मू के छात्रों को विश्व कला दिवस के महत्व के बारे में बताया

पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने आईआईएम जम्मू के छात्रों को विश्व कला दिवस के महत्व के बारे में बताया

जम्मू, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । विश्व कला दिवस के अवसर पर नटरंग के निदेशक और प्रसिद्ध सांस्कृतिक प्रतीक पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने आईआईएम जम्मू में प्रदर्शन कला के 130 छात्रों के साथ विचारोत्तेजक बातचीत की। इस सत्र का उद्देश्य इस दिन के वैश्विक और स्थानीय महत्व, इसकी ऐतिहासिक जड़ों और समाज में कला की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करना था।

विश्व कला दिवस के महत्व पर विस्तार से बात करते हुए, ठाकुर ने बताया कि यूनेस्को के आम सम्मेलन ने 2019 में अपने 40वें सत्र के दौरान आधिकारिक तौर पर 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस के रूप में घोषित किया। यूनेस्को का हवाला देते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह दिन दुनिया भर में नवाचार, संवाद और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने में उनकी केंद्रीय भूमिका की सराहना करते हुए कला को बढ़ावा देने, विकसित करने, प्रसारित करने और उसका आनंद लेने की आवश्यकता की मान्यता के रूप में है।

ठाकुर ने कहा हमारी कलाएँ हमारी आत्मा की ताकत हैं। वे रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं, प्रगति को आगे बढ़ाते हैं, और समाजों में समझ के पुल बनाते हैं। जब तक हम कलात्मक स्वतंत्रता का समर्थन और संरक्षण करते रहेंगे कला बढ़ती रहेगी। उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि कैसे विश्व कला दिवस कला और मानवता के बीच गहरे संबंध की याद दिलाता है साथ ही कला को शैक्षिक प्रणालियों में एकीकृत करने की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित करता है। उन्होंने जोर देकर कहा संस्कृति न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा का आधार है। जितनी जल्दी हम इसे समझेंगे उतनी ही जल्दी हम भावी पीढ़ियों को सशक्त बना पाएंगे।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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