RAJASTHAN

पद्म विभूषण डॉ. माशेलकर आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनें

डॉ. आर ए माशेलकर

जयपुर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । अग्रणी स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान विश्वविद्यालय आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने डॉ. आर ए माशेलकर को प्रोफेसर के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक गुणवत्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ इसके अभिनव परिदृश्य को और बेहतर बनाने के मकसद से डॉ. आर ए माशेलकर की नियुक्ति की गई है।

डॉ. रघुनाथ अनंत माशेलकर ने विभिन्न मंचों पर भारतीय स्वास्थ्य सेवा के भविष्य पर चर्चा की है, जहां उन्होंने इंडोवेशन पर चर्चा की है। डॉ. रघुनाथ अनंत माशेलकर ने शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान, विज्ञान, टैक्नोलॉजी, इनोवेशंस, आईपीआर लीडरशिप और समाज के अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे पॉलिमर विज्ञान और इंजीनियरिंग में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं। साथ ही, वे अपनी परिवर्तनकारी नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूशन लीडरशिप और ज्ञान के पारंपरिक तौर-तरीकों के संरक्षण के लिए विशेष सिस्टम को विकसित करने के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उन्हें गांधीवादी इंजीनियरिंग की अवधारणा पर आधारित समावेशी नवाचार आंदोलन के लिए भी प्रसिद्धि हासिल है।

डॉ. माशेलकर की नियुक्ति पर खुशी व्यक्त करते हुए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने कहा कि हमें विश्वास है कि वैज्ञानिक अनुसंधान और इनोवेशन की दुनिया में उनकी विशेषज्ञता और दूरदर्शी नेतृत्व हमारे शैक्षणिक वातावरण को और बेहतर बनाएगा और साथ ही इसे महत्वपूर्ण रूप से समृद्ध भी करेगा।

विश्व स्तरीय वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध डॉ. माशेलकर को भारत के तीन सर्वाेच्च नागरिक पुरस्कारों – पद्मश्री (1991), पद्मभूषण (2000) और पद्म विभूषण (2014) से सम्मानित किया गया है। अपने नाम कई प्रथम उपलब्धियों के साथ, उन्होंने विश्व विज्ञान अकादमी के सर्वाेच्च विज्ञान पुरस्कार, सबसे प्रतिष्ठित टीडब्ल्यूएस-लेनोवो विज्ञान पुरस्कार (2018) भी हासिल किया है। उनकी एक और उपलब्धि लंदन से प्रिटोरिया, विस्कॉन्सिन, मोनाश और दिल्ली तक दुनिया भर के विश्वविद्यालयों से 47 मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने का रिकॉर्ड भी है।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के नए प्रोफेसर डॉ. माशेलकर ने कुछ प्रभावशाली पुस्तकों का सह-लेखन भी किया है। इनमें ‘लीप फ्रॉगिंग टू पोल वॉल्टिंग- क्रिएटिंग द मैजिक ऑफ रेडिकल येट सस्टेनेबल ट्रांसफॉर्मेशन’ भी है, जिसने 2019 में टाटा लिट फेस्टिवल में बेस्ट बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता। साथ ही, ‘एक्सप्रोवमेंट- एक्सपोनेंशियल इम्प्रूवमेंट थ्रू कन्वर्जिंग पैरेलल्स’ उनकी एक और प्रशंसित कृति है।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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