धमतरी, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) ।भारी वर्षा से डूब क्षेत्र में खेती-किसानी करने वाले कई किसानों के खरीफ धान फसल पानी में डूबी हुई है। पिछले तीन-चार दिनों से डूबने के कारण पौधों के गलने की आशंका है। किसानों को अब खेतों से पानी ढहने का इंतजार है, ताकि फसल सुरक्षित हो सके।
पिछले दिनों हुई भारी बारिश से अंचल के नदी-नाले उफान पर रहे। सड़कों के ऊपर पानी चले। जगह-जगह बाढ़ की स्थिति बनी। इस बीच डूब क्षेत्रों और निचली जगहों पर खेती-किसानी करने वाले किसानों के खेतों में पानी भरा हुआ है। धान फसल दो-तीन दिनों से पानी में डूबी हुई है।
क्षेत्र के ग्राम लोहरसी, मुजगहन, देमार, पीपरछेड़ी, अछोटा, कोलियारी, पोटियाडीह समेत कई गांवों के किसानों के धान फसल पानी में डूबी हुई हैै। सैकड़ों एकड़ धान फसल पर भारी बारिश से खतरा मंडराने लगा हैै। लंबे समय से धान फसल पानी में डूबने से पौधों के गलने की आशंका बढ़ गई हैै। इससे किसानों की चिंता बढ़ी हुई हैै। किसानों को अब खेतों से पानी निकासी होने का इंतजार है, ताकि उनके धान फसल सुरक्षित हो सके। समय रहते यदि पौधों के ऊपर से पानी नहीं ढहा, तो पौधाें के गलने से इंकार नहीं किया जा सकता। देमार क्षेत्र के कई खेतों में पानी की धार भी चल रही है। पीड़ित किसानों ने शासन-प्रशासन से बाढ़ से खेतों में प्रभावित किसानों के धान फसल की सर्वे करके नुकसान आंकलन करने की मांग की है, ताकि पीड़ित किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ मिल सके।
उपसंचालक कृषि मोनेश कुमार साहू से मिली जानकारी के अनुसार कुछ गांवों में किसानों के धान पानी में डूबने की जानकारी मिली है, लेकिन पानी निकासी के बाद फसल सुरक्षित हो जाएगा। धान फसल केवल प्रभावित हुआ है, फसल को नुकसान नहीं पहुंचा है। चार से पांच दिनों तक धान फसल के पानी में डूबने के बाद भी फसल सुरक्षित रहता है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा