अनंतनाग, 26 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । पर्यावरण नीति समूह (ईपीजी) ने अनंतनाग के रानी बाग में सदियों पुराने चिनार के पेड़ों की चौंकाने वाली कटाई की कड़ी निंदा की है और इसे विरासत और पर्यावरण कानूनों का गंभीर उल्लंघन बताया है। माना जाता है कि ये पेड़ 500 साल से भी ज़्यादा पुराने हैं और इनका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक महत्व बहुत ज़्यादा है जिससे इनका विनाश बेहद दुखद है।
यह घटना जम्मू-कश्मीर सरकार की हाल ही में पूरे क्षेत्र में चिनार की सुरक्षा के उद्देश्य से शुरू की गई जियो-टैगिंग पहल के बावजूद हुई है। इस कदम से पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है, जो इसे संरक्षण प्रयासों की घोर उपेक्षा मानते हैं।
ईपीजी ने कहा कि यह कोई अकेला मामला नहीं है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नरबल-डेलिना सड़क को चौड़ा करने जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण 100 से ज़्यादा चिनार के पेड़ उखड़ गए हैं। संगठन ने पहले भी होकरसर वेटलैंड में वन्यजीव वार्डन कश्मीर के कार्यालय के पार्किंग क्षेत्र में चिनार की कटाई का विरोध किया था।
नाराबल-बारामुला रोड के चल रहे विस्तार ने स्थिति को और खराब कर दिया है जिसमें डेलिना तक और अधिक चिनार काटे जा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
