Madhya Pradesh

मंदसौर : यज्ञ से ही हमारी सनातन परंपरा सुदृढ़ है : मंत्री कैलाश विजयवर्गीय

Our eternal tradition is strengthened by Yajna - Minister

मंदसौर, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । सोमराजा अमृत प्रदान करते हैं जो सोमरस होता है जो हमारे तत्व की पुष्टि करता है। व्याधियों से निवृत्ति दिलाता है हमें तेज और ओज प्रदान करता है। यज्ञ संस्कृति हमारी सनातन परंपरा का सबसे पहला धार्मिक प्रयोजन है जिसका आधार पूर्णतया वैज्ञानिक है।

यह विचार भानपुरा पीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी श्री ज्ञानानंद जी तीर्थ ने महायज्ञ में पांचवें दिवस व्यक्त किए। उन्‍होंने कहा कि यज्ञ में जिन वनस्पतियों का ओर औषधियों उपयोग किया जाता है वह हमेशा के लिए हमारी व्याधियों को दूर करते हैं और जीवन का कल्याण करते हैं। आपने कहा कि व्यक्ति पुण्य तो प्राप्त करना चाहता है किंतु पुण्य करता नहीं । पुण्य करेंगे तो ही पुण्य का लाभ मिलेगा। सोम यज्ञ से प्राणी मात्र का कल्याण होता है। जीव जंतु चल चराचर भूचर जलचर सभी प्राणी सोम यज्ञ से लाभान्वित होते हैं। कथा वाचिका सीता बहन भी यज्ञ शाला में आईं और आचार्य श्री का सम्मान किया।

सोम यज्ञशाला में पांचवें दिवस प्रदेश के नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी सम्मिलित हुए उन्होंने यज्ञशाला में यज्ञ विधि पर बैठकर आहुतियां दी परिक्रमा भी लगाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे तपस्वी ऋषियों और पूज्य संतों ने अपनी कठोर तपस्या और तपबल से यज्ञ विधान बनाए हैं। यज्ञ संस्कृति से ही हमारी सनातन परंपरा सुदृढ़ है। यज्ञ हमारे शास्त्रों के जीवंत प्रमाण हैं। यज्ञ साक्षात ईश्वर है। यज्ञ कुंड को भगवान का मुखारविंद कहा जाता है सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय सोम महायज्ञ का उद्देश्य है इस यज्ञ को करने से हमारी मानसिक विकृतियों भी दूर होती है। मंत्र की सिद्धि का पूरा प्रभाव होता है।

एक भारत देश ही है जो संपूर्ण विश्व में शांति के लिए यज्ञ करता है। मुख्य अत्याचार वैश्णवाचार्य डॉक्टर गोकुल उत्सव जी महाराज ने पूज्य शंकराचार्य ज्ञानानंद जी तीर्थ कथा वाचिका सीता बहन और प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को उपर्णा पहना कर सम्मानित भी किया। आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष प्रहलाद काबरा महामंत्री ब्रजेश जोशी, गौरव अग्रवाल, तथा समिति के सर्वश्री विजय सुराणा के के बाहेती उमेश पारिख, बंटी चौहान,विनय पारिख,राजेंद्र चाष्टा, प्रद्युम्न शर्मा अरुण शर्मा पुष्पेंद्र भावसार, नटवर भाई आदि ने किया।

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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया

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