




अशोकनगर, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारा भारत ऋषियों, मनीषियों और संतों की धरती है। आनंदपुर धाम में आकर मन अभिभूत है। हृदय आनंद से भर गया। जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ परंपरा बन गया हो। वो धरती साधारण नहीं है। हमारे संतों ने अशोकनगर के बारे में कहा था कि यहां शोक आने से डरता है।
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को मध्य प्रदेश के प्रवास के दौरान अशोकनगर जिले के ईसागढ़ तहसील स्थित श्री आनंदपुर धाम में सत्संग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए अनुयायी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब-जब हमारा भारत, हमारा समाज किसी मुश्किल दौर से गुजरता है, कोई न कोई ऋषि, मनीषी इस धरती पर अवतरित होकर समाज को नई दिशा देता है। हम स्वामी अद्वैतानंद महाराज जी के जीवन में भी इसकी झलक देख सकते हैं। एक समय था, जब आदि शंकराचार्य जैसे आचार्यों ने अद्वैत दर्शन के गहरे ज्ञान की व्यख्या की थी। इसी परंपरा में अद्वैतानंद जी महाराज ने भारत के जन सामान्य तक इसे पहुंचाने का बीड़ा उठाया। महाराज जी ने अद्वैत के ज्ञान को हम सभी के लिए और सरल बनाया, उसे सामान्य मानवी के लिए और सुलभ कर दिया।
उन्होंने कहा कि दुनिया में भौतिक उन्नति के बीच मानवता के लिए युद्ध, संघर्ष और मानवीय मूल्यों से जुड़ी कई चिंताएं हमारे सामने हैं। इनकी जड़ में क्या है। इनकी जड़ में अपने और पराए की मानसिकता है। ये मानसिकता मानव से मानव को दूर करती है। आज विश्व भी सोच रहा है इनका समाधान कहां मिलेगा। इनका समाधान अद्वैत के विचार में मिलेगा। अद्वैत यानी यहां कोई द्वैत नहीं है। उन्होंने कहा कि अशोकनगर और आनंदपुर धाम ने देश को बहुत कुछ दिया है। इनका विकास भी हमारी जिम्मेदारी है। इस क्षेत्र को कला संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का वरदान प्राप्त है। यहां विकास और विरासत की असीम संभावनाएं है। इसलिए हम हम प्रदेश और अशोकनगर में तेजी से विकास कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार अभी से ही उज्जैन के सिंहस्थ की तैयारियों में जुटी है।
उन्होंने कहा कि गरीब और वंचित के उत्थान का संकल्प, सबका साथ सबका विकास का मंत्र, सेवा की भावना सरकार की नीति है। निष्ठा भी है। सेवा की भावना हमारे व्यक्तित्व को भी निखारती है। सेवा हमें व्यक्तिगत दायरे से निकालकर मानवता के बड़े उद्देश्य से जोड़ती है। सेवा की भावना हमारी सरकार के हर प्रयास के केंद्र में है। आज हर जरूरतमंद प्रधानमंत्री अन्न योजना के चलते खाने की चिंता से मुक्त हैं। हर गरीब-बुजुर्ग आयुष्मान योजना के कारण इलाज की चिंता से मुक्त है। पीएम आवास योजना के कारण पक्के घर की चिंता से मुक्त हो रहा है। जल जीवन मिशन के कारण गांव-गांव में जल समस्या खत्म हो रही है।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने आनंदपुर धाम पहुंचकर परमहंस अद्वैत मत के मंदिरों में दर्शन किए। उन्होंने यहां गुरुजी महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने यहां प्रमुख गुरु महाराज से भी भेंट की और श्री आनंदपुर धाम स्थित मंदिर परिसर का भी दौरा किया।————
(Udaipur Kiran) तोमर
