जम्मू, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अपने चल रहे सामुदायिक संपर्क और जागरूकता कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना ने ढोक सथरबन में गुज्जर और बकरवाल समुदायों के बच्चों के लिए एक विशेष ग्रीष्मकालीन विद्यालय का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य उन स्थानीय निवासियों से जुड़ना था जो गर्मियों के दौरान उच्च ऊंचाई पर चले जाते हैं और अपने बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देते हैं।
इन हाशिए के समुदायों के सामने आने वाली ऐतिहासिक चुनौतियों को पहचानते हुए भारतीय सेना ने शिक्षा को सामुदायिक विकास की रीढ़ के रूप में उजागर करने का बीड़ा उठाया है। समर स्कूल ने न केवल शैक्षणिक मार्गदर्शन प्रदान किया, बल्कि गुज्जर और बकरवाल आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई।
जम्मू और कश्मीर के सुदूर और अलग-थलग इलाकों में रहने वाले इन खानाबदोश समुदायों के कई बच्चों को बुनियादी शैक्षिक संसाधनों तक पहुँचने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। भारतीय सेना की पहल ने क्षेत्र के कुछ सबसे दुर्गम स्थानों में वंचित बच्चों तक पहुंचकर इस शैक्षिक अंतर को पाट दिया। समर स्कूल आवश्यक शैक्षिक सामग्रियों से सुसज्जित था और इसे समर्पित प्रशिक्षकों की एक टीम द्वारा संचालित किया गया था। बच्चों ने स्थानीय समुदाय के सदस्यों के साथ भारतीय सेना के प्रयासों के लिए बहुत आभार व्यक्त किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा