Uttrakhand

साधुबेला आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का आयाेजन

हरिद्वार, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) । साधुबेला आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के भजनों पर जमकर झूमें।

कथा का रसपान कराते हुए श्री बनखंडी साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि जब जब धरती पर पाप अनाचार बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। उन्होंने कहा कि जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं अपरंपार है। सोलह कलाओं से परिपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं व्यक्ति को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग दिखाती हैं।

कथा व्यास महंत श्रवण मुनि महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की महत्व को बताया और यह सिखाया कि मनुष्य को अपने कर्मों का पालन करते हुए धर्मपरायण रहना चाहिए। भगवान ने भक्ति की महत्व को बताया। भक्ति और प्रेम के माध्यम से भगवान की प्राप्ति की जा सकती है। श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र वाणी है। यह व्यक्ति की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाती है।

महंत बलराम मुनि महाराज ने कहा कि भक्त और भगवान की यह कथा सभी के लिए महत्वपूर्ण है। भक्ति के मार्ग पर अग्रसर होकर ही हमारा जीवन सार्थक हो सकता है।

इस अवसर पर गोपाल अवस्थी, दीपा अवस्थी, राम शुक्ला, रवि दुबे, चित्रा दुबे, सुनीता तिवारी, राकेश तिवारी, निखिल चंदानी, बबीता चंदानी, गोपाल पुनेठा, विष्णु दत्त पुनेठा, इंदु पंडया, मयंक पंडया, आशुतोष शुक्ला, मयूरी शुक्ला, सुमेद दुबे, रश्मि दुबे, जेपी जुयाल विकास शर्मा, सोनू शर्मा, सुनील मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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