हरिद्वार, 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर प्रज्ञा प्रवाह, देवभूमि विज्ञान समिति और स्वयं सेवी संस्था गुहार के सहयाेग से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का मुख्य विषय आर्ष भारत पुनर्निर्माण के नायक महर्षि दयानंद सरस्वती एवं वैदिक विज्ञान था।
इस संगोष्ठी का प्रारम्भ गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता के. जे. नंदकुमार (संयोजक प्रज्ञा प्रवाह), पद्मश्री संतोष यादव (भारतीय पर्वतारोही), प्रो. ब्रह्मदेव और डॉ. अंजलि गोयल (रसायन विज्ञान विभाग की प्रमुख) के द्वारा दीप प्रज्वलन और कुलगीत के उच्चारण के साथ हुआ।
कुलपति प्रो. हेमलता के. ने अपने संबाेधन में छात्रों का मार्गदर्शन किया, जबकि पद्मश्री संतोष यादव ने भारतीय संस्कृति और आधुनिक जीवन शैली के प्रभावाें पर अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में जे. नंदकुमार की पुस्तक अमृत काल में आर्ष भारत का पुनरुद्धार महर्षि दयानंद सरस्वती का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर संगोष्ठी के संयोजक डॉ. रविंदर कुमार (रसायन विज्ञान, गुरुकुल कांगड़ी) और सह संयोजक डॉ. दीपक कुमार (अध्यक्ष, गुहार), शिक्षक, शोध छात्र एवं छात्रों की उपस्थिति रही।
संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में प्रो. विनोद कुमार (जेएनयू, दिल्ली) ने प्राचीन औषधि विज्ञान पर अपनी प्रस्तुति दी। विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए सभी शोध छात्रों ने अपने शाेध प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में अतिथियों ने महर्षि दयानन्द के विचारों चलने और अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने का संदेश दिया।
इस अवसर पर डॉ. अंजलि गोयल, डॉ. रविंदर कुमार, डॉ. प्रशांत तेवतिया, डॉ. लोकेश जोशी, प्रशांत कौशिक, विक्रांत कौशिक, प्रियांश, शालू कौशिक, प्रियांशा भार्गव एवं सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला