Delhi

हॉटस्पॉट वाले इलाकों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक्शन, बनाई को-ऑर्डिनेशन कमेटी

प्रेस वार्ता करते हुए गोपाल राय

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट वाले इलाकों में वायु प्रदूषण को काबू में रखने के लिए दिल्ली सरकार काम कर रही है। इसके लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाई है। उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में हॉटस्पॉट वाले इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर संबंधित विभागों के साथ बैठक की। बैठक में अफसरों से विस्तृत जानकारी ली और सभी दिशा-निर्देशों को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि 13 हॉटस्पॉट के लिए बने अलग-अलग एक्शन प्लान के आधार पर काम किया जाएगा। धूल प्रदूषण कम करने के लिए हॉटस्पॉट वाले इलाकों में 80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं । साथ ही एमसीडी के डीसी को सभी सम्बंधित अधिकारी के साथ हॉटस्पॉट का लगातार दौरा करने का निर्देश दिया गया है और सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

गोपाल राय के अनुसार विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित किए गए 21 फोकस बिंदुओं के आधार पर विशेष कदम उठाये जा रहे हैं। सर्दी के मौसम में हॉटस्पॉट में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जिसको लेकर आज सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ की संयुक्त बैठक की गई। हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाई गई है। साथ ही इसके लिए नोडल विभाग भी बनाया गया जो प्रदूषण को काम करने के लिए कार्य करेगा।

ये हैं दिल्ली के हॉटस्पॉट

1- आनंद विहार

आनंद विहार बस स्टेशन के सामने क्षतिग्रस्त सड़कें, वाहनों के आवागमन से धूल उत्पन्न होना , चौधरी चरण सिंह मार्ग पर जाम की समस्या, सड़क के किनारों पर धूल का जमाव, एनसीआरटीसी कंस्ट्रक्शन साइट प्रोजेक्ट, रेलवे एसटीपी के पास कच्चा क्षेत्र, एकीकृत पूर्वी दिल्ली हब प्रोजेक्ट, रेलवे स्टेशन के निकास पर भीड़ (जाम की समस्या ) की वजह से प्रदूषण है। इसके समाधान के लिए डीटीआईडीसी, ट्रांसपोर्ट, एनसीआरटीसी, पीडब्ल्यूडी,एम सी डी , एन बी सी सी , रेलवे और ट्रैफिक पुलिस विभाग की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 10 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

2- अशोक विहार

सीएक्यूएम स्टेशन के सामने सड़क की धूल, ट्रैफिक जाम (आज़ादपुर मेट्रो से आज़ादपुर बस टर्मिनल), मेट्रो प्रोजेक्ट के बगल में गुरजनवाला टाउन के पास कच्ची सड़क, प्रदूषण के स्रोत हैं। इसके समाधान के लिए एमसीडी, ट्रैफिक पुलिस,, दिल्ली मेट्रो की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

3 – द्वारका

द्वारका हॉटस्पॉट इलाके में सड़क पर धूल (राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान केंद्र (द्वारका) जहां सीएएक्यूएम स्टेशन स्थापित है, के पास सड़कों पर धूल), सीएएक्यूएम स्टेशन के ठीक सामने डीडीए ग्राउंड में कचरा और सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए एमसीडी, डीडीए की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है।यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

4 .मुंडका

यहां पर मॉनिटरिंग स्टेशन के पास शहरी विस्तार रोड-2 (यूईआर-2) के निर्माण से भारी धूल उत्सर्जन, आरएमसी प्लांट का संचालन, पास के दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर कच्चे रास्ते और गड्ढों के कारण भारी मात्रा में धूल उड़ना, दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर यातायात की मात्रा अधिक होने और मुंडका औद्योगिक क्षेत्र मेट्रो स्टेशन चौराहे के नीचे यातायात की भीड़, मुंडका पुनर्विकास क्षेत्र के अंदर कच्ची सड़कें, निकटवर्ती डीएमआरसी कास्टिंग यार्ड के अंदर आरएमसी प्लांट का संचालन और डीएमआरसी आवासीय परिसर के पीछे रानीखेड़ा मोड़ लाल बत्ती से शुरू होने वाले शहीद विक्रांत सिंह लाकड़ा मार्ग के गड्ढों और कच्चे साइड से धूल का उत्सर्जन, प्रदूषण का स्रोत है।

इसके समाधान के लिए एनएचएआई, एमसीडी, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, डीएसआईआईडीसी, डीएमआरसी की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 8 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

5 – जहांगीरपुरी

यहां पर बायोमास बर्निंग, डीएमआरसी निर्माण स्थल और प्लांट , भलस्वा सेनेटरी लैंडफिल , आईटीआई परिसर के सामने बस टर्मिनल के पास यातायात जाम की समस्या, निर्माण एवं विध्वंस रीसाइक्लिंग प्लांट , वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए एमसीडी,डूसिब , दिल्ली पुलिस,राजस्व विभाग , डीटीसी, डीएमआरसी की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

6. रोहिणी

वेंकटेश्वर अस्पताल का निर्माण स्थल , आई एंड एफसी भूमि पर कचरा डंपिंग, खुले में कचरा जलाना,. प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है। इसके समाधान के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, एम.सी.डी., फायर सर्विसेज की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 7 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

7-नरेला

डीटीसी बस डेपो में निर्माण कार्य , नरेला इंस्ट्रीयल एरिया के खाली जगह पर कचरे का डंपिंग, एनआईटी दिल्ली में निर्माण कार्य,जाम की समस्या , नरेला औद्योगिक क्षेत्र में यातायात की भीड़, विशेषकर ट्रकों की भारी समस्या, पॉकेट 9 ए में डीडीए हाउसिंग प्रोजेक्ट में सड़क पर गड्ढे और सड़क की धूल , टाटा पावर द्वारा अंडरग्राउंड केबल प्रोजेक्ट ,प्रदूषण का स्रोत है।

इसके समाधान के लिए एनएचएआई, एम.सी.डी, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, डीडीए, डीटीसी, टाटा पावर की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 5 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

8- ओखला

यहां पर मां आनंदमयी मार्ग और ओखला एस्टेट मार्ग की क्षतिग्रस्त सड़क, भारी ट्रैफिक जाम प्रदूषण का कारण है। इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 5 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

9-पंजाबी बाग

यहां पर मोती नगर फ्लाईओवर का निर्माण, मोती नगर फ्लाईओवर के नीचे भारी ट्रैफिक जाम, रोड नंबर 41 पर गड्ढे, राम लीला मैदान में ड्राइविंग ट्रेनिंग पार्क का उपयोग, रोहतक रोड की सर्विस लेन पर सीएंडडी वेस्ट की अवैध डंपिंग वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

10- आर.के. पुरम

यहां पर हैवी ट्रैफिक, सड़कों पर गड्ढे, एन.बी.सी.सी. की निर्माण साइट प्रमुख स्रोत है। इसके समाधान के लिए एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, एन.बी.सी.सी. की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 6 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

11 – विवेक विहार

यहां पर योजना विहार की सोसायटियों में निर्माण और विध्वंस गतिविधि, बी-ब्लॉक, झिलमिल में टूटी सड़कों के कारण सड़क पर धूल का उड़ना, रेलवे रोड (झिलमिल अंडरपास) के पास सड़कों भारी जाम वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, डी एस आई आई डी सी ,दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 5 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

12.वजीरपुर

यहां पर सीएक्यूएम स्टेशन के सामने टूटी सड़क, सड़क का अतिक्रमण और कच्ची सड़क , जाम की समस्या, खुले में गार्बेज डम्पिंग, वायु प्रदूषण का स्रोत है।

इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 10 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

13- बवाना

यहां पर महर्षि वाल्मिकी अस्पताल के बाहर अवैध कूड़ा डंपिंग और अस्पताल के बाहर यातायात की भीड़, पूठ खुर्द रोड पर सड़क की धूल, जो बवाना सीएएक्यूएमएस स्टेशन के पास है। इसके अलावा दिल्ली-औचंदी रोड के किनारे लोक निर्माण विभाग की सर्विस सड़कों पर सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग, निर्माणाधीन यूईआर-दो और दिल्ली-औचंदी रोड पर शहीद पार्क से अपना घर आश्रम मोड़ तक के क्षेत्र में भारी यातायात जाम प्रदूषण का स्रोत है।

इसके समाधान के लिए एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 5 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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