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प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाली अभ्यर्थी को पहले राउंड की काउंसलिंग में शामिल करने के आदेश

हाईकाेर्ट

जयपुर, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पीसीपीएनडीटी के तहत छह महीने के अल्ट्रासाउंड ट्रेनिंग कोर्स में प्रवेश के लिए प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों के साथ भेदभाव करने से जुडे मामले में याचिकाकर्ता को पहले राउंड की काउंसलिंग में अंतरिम तौर पर शामिल करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश डॉ. सुप्रिया गुप्ता की याचिका पर दिए।

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि पीसीपीएनडीटी के तहत छह महीने का अल्ट्रासाउंड ट्रेनिंग कोर्स के लिए 22 अप्रैल को नीट पीजी काउंसलिंग बोर्ड ने विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे थे। इसमें प्रावधान किया गया कि पहले राउंड में प्रदेश की मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों और सेवारत डॉक्टरों को शामिल किया जाएगा। वहीं यदि बाद में सीटें खाली रही तो दूसरे और बाद के राउंड में प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वालों को मौका मिलेगा। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन देश में कहीं से भी एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों को योग्यता के आधार पर एक समान मानता है। ऐसे में कोर्स में प्रवेश के लिए प्रार्थी के साथ जगह के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। पीसीपीएनडीटी नियम, 2014 के तहत नीट पीजी के अंकों के आधार पर इस कोर्स में प्रवेश देने का प्रावधान है। यह शर्त संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है। प्रार्थी ने गुजरात से एमबीबीएस किया है और वह नेशनल मेडिकल कमीशन से मान्य है। इसलिए उसे कोर्स की काउंसलिंग में शामिल करें। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से मामले में जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता को प्रथम राउंड की काउंसलिंग में शामिल करने को कहा है।

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(Udaipur Kiran)

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