जयपुर, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने बीसलपुर बांध से पीने के पानी के लिए सप्लाई को वरीयता देने के मामले में राज्य सरकार को पॉलिसी ने पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश लोकेन्द्र जैन की ओर से दायर जनहित याचिका व प्रदेश में पेयजल की समस्या पर लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि पानी कहां और कैसे सप्लाई करना है, यह राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है। वहीं इस संबंध में नीति बनाई जा रही है। इस साथ ही लोकेन्द्र जैन की ओर से दायर याचिका सारहीन हो गई है। दूसरी ओर न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि अभी तक ईआरसीपी से पानी नहीं मिला है। इस पर अदालत ने कहा कि वे चाहते हैं कि हर घर में पानी पहुंचना चाहिए। अदालत इस मामले में पूर्व में रिट स्वीकार कर चुकी है, जबकि यह मुद्दा को जनहित याचिका में उठाया गया है। इस पर एजी ने कहा कि उन्हें इस संबंध में बनाई जा रही नीति पेश करने के लिए समय दिया जाए। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है। जनहित याचिका में कहा गया कि बीसलपुर बांध के पानी की पहली प्राथमिकता पेयजल की होनी चाहिए। यदि पानी सरप्लस होता है तो उसे कृषि के उपयोग के लिए छोडा जा सकता है। वहीं यदि बांध के पानी को कृषि के लिए आरक्षित रखा गया तो आने वाले समय में जयपुर, अजमेर और टोंक के निवासियों के लिए पेयजल का संकट खडा हो सकता है। ऐसे में बीसलपुर बांध से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
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(Udaipur Kiran)