
जयपुर, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर जिले में नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म करने से जुडे मामले में मुख्य आरोपी विश्वेन्द्र उर्फ गोलू को 18 जुलाई, 2023 को पॉक्सो कोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को निचली अदालत में एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा है। अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को भी कहा है कि वह इस आदेश की कॉपी सीजे को भिजवाए। जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश पीडिता के पिता की ओर से मुख्य आरोपी को मिली जमानत को रद्द कराने के लिए पेश प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए।
अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निस्तारित करते हुए कहा था कि उसका मामला अन्य आरोपी राहुल से अलग नहीं है। जबकि दोनों आरोपियों के कृत्य अलग-अलग रहे हैं। आरोपी विश्वेन्द्र का पीडिता के साथ दुष्कर्म करने का साक्ष्य स्पष्ट तौर पर है। ऐसे में पीठासीन अधिकारी ने खेत सिंह बनाम राजस्थान राज्य मामले में दिए गए फैसलेे की गलत व्याख्या कर आरोपी को अनुचित तरीके से जमानत दी है। ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द करना उचित रहेगा।
मामले से जुडे अधिवक्ता आरबी बंसल ने बताया कि पीडिता के पिता ने 30 मार्च 2023 को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें पीडिता ने अपने बयानों में कहा कि राहुल व अनिल ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया है और मुख्य आरोपी विश्वेन्द्र ने उसके साथ गलत काम किया था। इसके बावजूद पॉक्सो कोर्ट ने राहुल को मिली जमानत के आधार पर ही मुख्य आरोपी को भी जमानत दी है, जबकि उनका कृत्य अलग-अलग था। इसलिए मुख्य आरोपी को दी गई जमानत को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को मिली जमानत को रद्द कर उसे एक सप्ताह में सरेंडर करने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
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