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कोर्ट की अवमानना पर चूरू स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक का वेतन रोकने के आदेश

jodhpur

जोधपुर, 28 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान उच्च न्यायालय ने चूरू निवासी दिनेश कुमार मेघवाल की अवमानना याचिका में शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही हठधर्मिता को गम्भीर मानते हुए संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा चूरू का वेतन रोकने का आदेश पारित किया।

चूरू निवासी दिनेश मेघवाल की तदर्थ आधार पर नियुक्ति अध्यापक ग्रेड द्वितीय के पद पर 22 दिसंबर 1996 को हुई थी। अपीलार्थी ने 11 जनवरी 1997 को अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। प्रार्थी को नियुक्ति के पश्चात 31 मई 1997 को ग्रीष्मावकाश होने के कारण कार्य मुक्त कर दिया गया। विभाग ने सात जून 1997 को आदेश जारी कर प्रार्थी को पुन: अध्यापक ग्रेड द्वितीय के पद पर नियुक्त किया। प्रार्थी में पुन: कार्यभार ग्रहण कर लिया। प्रार्थी विभाग द्वारा कालांतर में उसे व्याख्याता (राजनीति विज्ञान) के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गई। अपीलार्थी वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रतनगढ़ चूरू में व्याख्याता के रूप में सेवाएं दे रहा है।

अपीलार्थी द्वारा उसे प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवाओं की गणना न करने व ग्रीष्मावकाश का वेतन भी विभाग द्वारा नहीं दिए जाने के विरूद्ध एक अपील राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के समक्ष वर्ष 2019 में प्रस्तुत की। अपीलार्थी की अपील को अधिकरण ने स्वीकार करते हुए उसे प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवाओं की गणना करने व उसे ग्रीष्मावकाश का वेतन देने का आदेश पारित किया। अधिकरण के आदेश की लम्बे समय तक पालना नहीं होने पर अपीलार्थी ने एक अवमानना याचिका अधिकरण के समक्ष वर्ष 2023 में प्रस्तुत की। अधिकरण के समक्ष विभाग द्वारा पालना रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने व निरन्तर समय मांगने पर अधिकरण ने इस आदेश की अवमानना मानते हुए अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 10 के तहत उच्च न्यायालय को सजा के लिए संदर्भित (रेफर) कर दिया गया।

सिर्फ कागजी पालना की

उच्च न्यायालय के समक्ष विभाग द्वारा 30 जनवरी 2025 का आदेश प्रस्तुत किया गया जिसके तहत विभाग द्वारा कागजी पालना प्रस्तुत की गई। वास्तविकता में कोई पालना नहीं की गई। अपीलार्थी के अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा ने न्यायालय को बताया कि कागजी पालना करना वास्तविक पालना से कोसाें दूर है वास्तविकता में अपीलार्थी को कुछ भी नहीं दिया गया है केवल अवमानना से बचने काे संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा चूरू ने कागजी पालना प्रस्तुत की है जो धरातल से कोसों दूर है। विभाग द्वारा पालना के लिए 15 दिन का फिर समय चाहा गया। विभाग के इस हठधर्मिता पर प्रसंज्ञान लेेते हुए पत्रावली को पुन: 17 अप्रेल 2025 को लगाने का आदेश किया व 30 जनवरी 2025 के आदेश की पालना नहीं करने व प्रार्थी को वेतन व सेवाओं की गणना प्रथम नियुक्ति से नहीं करने की विभाग की हठधर्मिता मानते हुए संयुक्त निदेशक स्कूल विभाग चूरू का वेतन आगामी 17 अप्रेल 2025 तक रोके रखने का आदेश पारित किया एवं इस आदेश की प्रति निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को भी भेजने का आदेश पारित किया।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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