
जयपुर, 1 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2018 में नियुक्त हुए पुलिस कांस्टेबलों को दुबारा मेडिकल के आधार पर बर्खास्त करने को गलत माना है। वहीं अदालत ने राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह पीयूष पाटीदार के मामले में दिए गए निर्णय की पालना करते हुए प्रार्थियों को भी सेवा में बहाल करें। जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह निर्देश हरिओम व सवाई खान की याचिका पर दिया। अदालत ने मामले की प्रगति रिपोर्ट 12 मई को पेश करने के लिए भी कहा है।
याचिका में अधिवक्ता ओमप्रकाश सोलंकी ने बताया कि याचिकाकर्ताओं को 30 सितंबर 2018 को पुलिस कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति दी गई। वहीं बाद में दुबारा मेडिकल के आधार पर उन्हें सेवा में अनफिट माना। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को सितंबर व अक्टूबर 2019 माह में आदेश जारी कर पुलिस कांस्टेबल के पद से बर्खास्त कर दिया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि भर्ती नियमों में दुबारा मेडिकल कराए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा पीयूष पाटीदार के मामले में पूर्व में ही यह मुद्दा तय हो चुका है। इसलिए याचिकाकर्ताओं के बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर उन्हें पुलिस कांस्टेबल के पद पर बहाल किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पूर्व में दिए आदेश को याचिकाकर्ताओं के मामले में लागू कर तथ्यात्मक रिपोर्ट देने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
