
जयपुर, 24 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने करतारपुरा नाले में हुए अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार को 26 मार्च तक मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी पेश करने को कहा है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह की ओर से अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर नाले की चौड़ाई के संबंध में जानकारी दी गई। एएजी ने तीन साल पहले हुई बैठक का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि 13 जनवरी, 2022 को जेडीए अधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें तय किया गया कि करतारपुरा नाले की चौडाई तीस मीटर रहेगी और नाले के दोनों ओर दस-दस मीटर की जमीन सुरक्षा कॉरिडोर के लिए आरक्षित रखी जाएगी। इस निर्णय के बाद नाले का पीटी सर्वे किया गया। जिसमें सामने आया कि नाले में करीब पांच सौ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इनमें से 403 अतिक्रमणों को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है। वहीं 17 अतिक्रमियों को कब्जा हटाने का नोटिस दिया गया है। वहीं अन्य अतिक्रमियों को नोटिस जारी करने के साथ ही शेष कार्रवाई की जा रही हैं। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि करतारपुरा नाला बारिश में ओवरफ्लो हो जाता है। नाले के पक्का नहीं होने और फेसिंग नहीं लगाने के चलते यहां अतिक्रमण और हादसे हो जाते हैं। इसके अलावा अभी तक नाले की सीमा भी तय नहीं की है। जिसके कारण नए अतिक्रमण भी नहीं रुक रहे हैं। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को यहां से अतिक्रमण हटाने को लेकर की गई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। जनहित याचिका में कहा गया कि करतारपुरा नाले में जगह-जगह अतिक्रमण हो गया है और नाला पक्का भी नहीं है। मानसून में यहां कई लोगों की जान तक जा चुकी है। नाले की कई जगह तो चौडाई अतिक्रमण के चलते कुछ फीट ही रह गई है। ऐसे में इसे पक्का कर अतिक्रमण हटाया जाए।
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(Udaipur Kiran)
