कोलकाता, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । भर्ती घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किए गए ‘कालीघाट के काकू’ उर्फ सुजयकृष्ण भद्र मंगलवार को सीबीआई अदालत में पेश नहीं हो सके। जेल प्रशासन ने उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी दी और उन्हें वर्चुअल माध्यम से पेश करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन अदालत ने निर्देश दिया कि उन्हें 28 नवंबर को शारीरिक रूप से अदालत में पेश किया जाए। इस बीच, इसी मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता शांतनु बनर्जी और पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी संतु गांगुली को सीबीआई की चार दिन की हिरासत में भेज दिया गया है।
सुजयकृष्ण भद्र की पेशी पर कोर्ट का सख्त रुख
भ्रष्टाचार के इस मामले में सीबीआई ने सुजयकृष्ण भद्र को अपनी हिरासत में लेने के लिए अदालत से अनुमति मांगी थी। लेकिन उनकी तबीयत खराब होने के कारण मंगलवार को उन्हें पेश नहीं किया जा सका। सीबीआई की मांग पर अदालत ने कहा कि 28 नवंबर को उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश करना अनिवार्य है।
सीबीआई ने सोमवार को संतु गांगुली को गिरफ्तार किया था और मंगलवार को अदालत में पेश कर हिरासत की मांग की। जांच एजेंसी ने दावा किया कि भर्ती घोटाले में संतु ने बड़ी भूमिका निभाई है और पार्थ चटर्जी और ‘कालीघाट के काकू’ के लिए पैसे इकट्ठा किए हैं। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि संतु गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। अदालत ने इन दलीलों को स्वीकार करते हुए संतु को 29 नवंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
शांतनु बनर्जी के मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया कि उन्होंने नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से करोड़ों रुपये वसूले। शांतनु के वकील ने दलील दी कि सीबीआई दो साल से अधिक समय से जांच कर रही है, लेकिन अब उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत क्यों महसूस हो रही है। हालांकि, सीबीआई ने अदालत को बताया कि डिजिटल सबूतों और बयानों में सुजयकृष्ण और शांतनु का नाम सामने आया है, इसलिए उनसे पूछताछ आवश्यक है। अदालत ने शांतनु को भी चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
भद्र को ईडी ने 30 मई 2023 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई थी और उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। उनके खिलाफ आवाज के नमूने लेने सहित कई प्रक्रियाएं की गईं। अब सीबीआई उन्हें हिरासत में लेकर मामले की गहराई से जांच करना चाहती है।
संतु और शांतनु 29 नवंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे, जबकि सुजयकृष्ण भद्र की पेशी 28 नवंबर को होगी। मामले में आगे क्या खुलासे होंगे, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर