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किसान की आकस्मिक मौत पर विधवा के मुआवजा पर आदेश का निर्देश

साकेंतिक फोटो

प्रयागराज, 07 अप्रैल (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मृतक किसान के मुआवजे के भुगतान में हाईपर तकनीकी का इस्तेमाल न कर योजना को सही ढंग से लागू करने का निर्देश दिया है।

इसी के साथ कोर्ट ने डीएम चित्रकूट को याची की ओर से नए सिरे से दाखिल अर्जी पर दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने राजवतिया की याचिका को निस्तारित कर दिया है।

याची के किसान पति की मृत्यु बिजली के करंट के कारण हो गई थी। उसने शासनादेश के तहत मुआवजे की मांग में अर्जी दी, जिसे डीएम ने खारिज कर दिया। याचिका में इस आदेश को चुनौती दी गई थी।

याची के अधिवक्ता का कहना था कि मृतक किसानी करता था, इसके लिए हलफनामा भी है। याची की अर्जी तकनीकी आधार पर यह कहते हुए खारिज कर दी गई कि आवेदन में 75 दिन की देरी की गई है। कहा गया कि नियमानुसार तीन माह में अर्जी देनी चाहिए। शासनादेश में कहा गया है कि तीन महीने की मियाद उचित स्पष्टीकरण होने पर तीन माह तक बढ़ाई जा सकती है। इस पर कोर्ट ने डीएम को नए सिरे से विचार कर आदेश करने का निर्देश दिया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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