– कोर्ट ने कहा, जरूरी हो तो एसीजेएम आगरा को प्रशिक्षण में भेजा जाए
प्रयागराज, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिना कारण बताए, न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किए बगैर जल्दबाजी में आपराधिक केस में अभियुक्त को समन जारी करने पर एसीजेएम आगरा के खिलाफ तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कि समन जारी करना गम्भीर एवं महत्वपूर्ण मामला है। मजिस्ट्रेट ने इसे हल्के में लेकर कमतर किया है।
कोर्ट ने जारी समन आदेश 2 फरवरी 24 को रद्द करते हुए मजिस्ट्रेट को नये सिरे से आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही आदेश की प्रति आगरा जिले के प्रशासनिक न्यायमूर्ति को भेजने का आदेश दिया ताकि जरूरी हो तो मजिस्ट्रेट को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए। कोर्ट ने महानिबंधक को जरूरी कदम उठाने को कहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने श्रीमती सपना व चार अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने इस केस को उदाहरण माना कि ट्रायल कोर्ट गम्भीर मामलों को कैसे लेती है। धारा 204 मे सम्मन जारी करना गम्भीर मामला है। समन जारी करने के कारण का अवश्य उल्लेख किया जाना चाहिए। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के ललन कुमार सिंह केस के विपरीत है। मजिस्ट्रेट ने बिना कोई कारण बताए आपराधिक केस में सम्मन जारी किया है।
(Udaipur Kiran) /आर.एन
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / प्रभात मिश्रा