
जयपुर, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह स्कूल व्याख्याता और उसकी पत्नी की मौत चलते उसकी तलाकशुदा पुत्री को इस वर्ग में तत्काल फैमिली पेंशन जारी करे। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने करने के लिए समय दिया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश सुमन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता शिवा नागर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पिता स्कूल व्याख्याता के तौर पर अजमेर में कार्यरत थे। इस पद पर रहने के दौरान उनका अक्टूबर,1987 में निधन हो गया। इस पर राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता की मां को फैमिली पेंशन जारी कर दी। वहीं जनवरी, 2017 में याचिकाकर्ता की मां की भी मौत हो गई। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का अपने पति से तलाक हो गया था और कोर्ट से नवंबर,1979 को तलाक की डिक्री जारी होने के बाद से वह अपने माता-पिता के साथ ही रहती आ रही थी। मां के निधन के बाद याचिकाकर्ता ने साल 2019 में फैमिली पेंशन के लिए विभाग में प्रार्थना पत्र दिया। जिसके विभाग के अफसर एक दूसरे को भेजते रहे, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इस पर याचिकाकर्ता ने तलाकशुदा पुत्री वर्ग में फैमिली पेंशन लेने के लिए पुन: प्रार्थना पत्र दिया। याचिका में कहा गया कि बीते करीब चार साल से विभाग न तो उसके प्रार्थना पत्र का निस्तारण कर रहा है और ना ही उसे फैमिली पेंशन जारी कर रहा है। याचिका पर सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग की ओर से मामले में अपना जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता को तलाकशुदा पुत्री वर्ग में फैमिली पेंशन जारी करने के आदेश दिए हैं।
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(Udaipur Kiran)
