
जयपुर, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएसआरटीसी से रिटायर हुए कर्मचारी को आरजीएचएस स्कीम का लाभ देने का निर्देश देते हुए विभाग को कहा है कि वह 30 दिन में प्रार्थी के ब्लॉक किए गए कार्ड को भी एक्टिव करे। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह निर्देश भादरमल सैनी की याचिका पर दिया। अदालत ने कहा कि रिटायर कर्मचारी के कार्ड को आरएसआरटीसी की ओर से ब्लॉक करना मनमाना है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने बताया कि राज्य सरकार ने साल 2021 में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए कैश-लेस हेल्थ स्कीम शुरू की और बाद में इसे पेंशनर्स पर भी लागू किया। वहीं 19 जनवरी 2023 के आदेश से आरएसआरटीसी के रिटायर कार्मिकों को भी इस स्कीम के दायरे में लाया गया। प्रार्थी ने भी मई 2022 से नवंबर 2022 के दौरान कैश-लेस स्कीम का लाभ लिया, लेकिन विभाग ने इसे गलत बताते हुए प्रार्थी को 5,15,939 रुपए जमा करवाने के लिए कहा। रोडवेज प्रबंधन की कार्रवाई को प्रार्थी ने जब हाईकोर्ट में चुनौती दी तो उसका आरजीएसएच कार्ड ही ब्लाॅक कर दिया गया। इसके चलते प्रार्थी व उसका परिवार स्कीम के तहत मिलने वाली मेडिकल सुविधा से वंचित रह गया। जिसके चलते याचिकाकर्ता अपनी पत्नी के ह्रदय रोग का ऑपरेशन एवं घुटनों का ट्रांसप्लांटेशन भी नहीं करवा पाया। प्रार्थी ने अदालत से उसके कार्ड को एक्टिव करवाकर उसे स्कीम का लाभ दिलवाए जाने का आग्रह किया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को योजना का लाभ देने के आदेश दिए हैं।
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(Udaipur Kiran)
