धर्मशाला, 01 मई (Udaipur Kiran) ।
उपभोक्ता आयोग ने एक निजी बैंक द्वारा उपभोक्ता को सेवाओं में कमी का दोषी करार करते हुए 35 हजार मुआवजा राशि के साथ 60 दिन के भीतर लोन क्लीयरेंस एन.ओ.सी. जारी करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा इन दिनों में देरी होने पर बैंक को उपभोक्ता को प्रतिदिन 10 रुपए बढ़ोतरी के साथ अदायगी करनी होगी। इसके अलावा 25 हजार रुपए मानसिक क्षति व 10 हजार रुपए मुकदमेबाजी के तौर पर भी अदा करने होंगे।
उपभोक्ता आयोग धर्मशाला के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा व सदस्य आरती सूद व नारायण ठाकुर की अदालत ने एक फैसले में यह आदेश जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार उपभोक्ता विनोद कुमार निवासी परागपुर ने आयोग में शिकायत दर्ज कर बताया था कि उन्होंने वर्ष 2019 में स्कूटी को लेकर एक निजी बैंक से 57,400 रुपए का लोन लिया था, जिसे वे 36 मासिक किश्तों में चुका चुके हैं। इसके बावजूद बैंक उनके खाते से 3,870 रुपए अतिरिक्त राशि काटता रहा और लगातार अनुरोध के बाद भी उन्हें लोन क्लीयरेंस एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई। इसको लेकर बैंक की ओर से दलील दी गई कि उपभोक्ता की 2 किस्तें बकाया हैं और चेक बाउंस शुल्क भी बकाया है, इसलिए एन.ओ.सी. नहीं दी गई। आयोग ने बैंक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों और उपभोक्ता की ओर से जमा साक्ष्यों के आधार पर पाया कि उपभोक्ता ने कोविड काल में राहत पैकेज के बावजूद सभी किश्तें समय पर अदा कीं और अतरिक्त तौर पर बैंक को 3,870 रुपए अदा किए। इसके आधार पर आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
