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जामिया हिंसा मामले में शरजील और आसिफ तान्हा समेत 11 आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश

नई दिल्ली, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली के साकेत कोर्ट ने 2019 के जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तान्हा समेत 11 आरोपितों के खिलाफ हिंसा और आगजनी समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। एडिशनल सेशंस जज विशाल सिंह ने आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट ने 11 अन्य आरोपितों को बरी करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि शरजील इमाम जामिया हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है। कोर्ट ने कहा कि शरजील इमाम ने न केवल हिंसा को उकसाया बल्कि उसने बड़ी साजिश रचने में किंगपिन की भूमिका निभाई। कोर्ट ने शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तान्हा के अलावा जिन आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया उनमें आशु खान, चंदन कुमार, अनल हुसैन, अनवर, युनूस, जुम्मन, राणा, मोहम्मद हारुन और मोहम्मद फुरकान शामिल हैं।

कोर्ट ने जिन आरोपितों को बरी करने का आदेश दिया उनमें मोहम्मद आदिल, रुहुल अमीन, मोहम्मद जमाल, मोहम्मद उमर, मोहम्मद शाहिल, मुदस्सर फहीम हाशमी, मोहम्मद इमरान अहमद, शफा-उर-रहमान, साकिब खान, तंजील अहमद चौधरी, मोहम्मद इमरान, मुनीब मियां, सैफ सिद्दीकी, शाहनवाज और मोहम्मद युसूफ शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि शरजील इमाम को 25 अगस्त 2020 को बिहार से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था।

शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में कहा गया कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया, जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी। इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया। यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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