जयपुर, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल करने को चुनौती देने वाली याचिका पर विभाग के सचिव और एसओजी को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन को चार सप्ताह में तय करने को कहा है। अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह एक सप्ताह में अपना अभ्यावेदन पेश करे। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता डॉ. टीएन शर्मा की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता पीसी भंडारी ने बताया कि आरपीएससी ने साल 2014 में एनालिस्ट कम प्रोग्रामर के 29 पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसमें लिखित परीक्षा आयोजित कर अंतिम परिणाम मई, 2017 में जारी किया गया। याचिका में कहा गया कि भर्ती में एक महिला अभ्यर्थी ने एक फर्म में कार्य करने का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाया। जबकि आरटीयू, कोटा से आरटीई में मिली जानकारी के अनुसार महिला निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत थी। दूसरी ओर कॉर्पोरेट मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार संबंधित फर्म ने जुलाई, 2013 के बाद काम ही नहीं किया। इसी तरह एक अन्य महिला अभ्यर्थी डीआरडीओ में रिसर्च स्कॉलर थी, लेकिन इस भर्ती के लिए ऐसे अभ्यर्थी पात्र ही नहीं थे। इस संबंध में एसओजी और विभाग में शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने इस संबंध में याचिकाकर्ता को अपना अभ्यावेदन देने और संबंधित अधिकारियों को उस पर चार सप्ताह में निर्णय लेने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)