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अर्चना शर्मा से जुडा विवादित ऑडियो प्रसारित नहीं करने के आदेश

कोर्ट

जयपुर, 7 अप्रैल (Udaipur Kiran) । अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा के पूर्व सहायक महावीर उपाध्याय को आदेश दिए हैं कि वह अर्चना शर्मा की सहमति के बिना विधि विरुद्ध तौर पर रिकॉर्डिंग कर अपमानजनक तथ्य को किसी भी माध्यम से प्रसारित नहीं करे। अदालत ने यह आदेश डॉ. अर्चना शर्मा के मानहानि परिवाद में दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए। पीठासीन अधिकारी बीएल चंदेल ने अपने आदेश में कहा कि तीन बार चुनाव हारने का अर्थ यह नहीं है कि किसी व्यक्ति की मान प्रतिष्ठा नहीं हो। अदालत ने कहा कि मूल वाद में वादी ने दस करोड रुपए का हर्जाना चाहा है, लेकिन वास्तविक तौर पर यदि किसी का अपमान किया गया है तो यह उस प्रकार की क्षति है, जिसकी पूर्ति रुपए-पैसे से नहीं हो सकती। इसके साथ ही अदालत ने राजीव अरोडा सहित तीन अन्य के खिलाफ मांगा गया अनुतोष खारिज कर दिया है।

दावे में अधिवक्ता एके जैन ने बताया कि प्रार्थिया मालवीय नगर से कांग्रेस प्रत्याशी थी और प्रदेश में 25 नवंबर 2023 को विधानसभा चुनाव होने थे। प्रतिवादी महावीर उपाध्याय, वादी का पूर्व में सहायक कार्यकर्ता था, लेकिन ढाई साल पहले उसे हटा दिया था। इसके चलते प्रतिवादी ने 22 नवंबर को एक कूटरचित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया और उसमें वादी की कूटरचित आवाज से यह बताया कि वह लोगों को डरा धमका कर उनसे वसूली व ब्लैकमेल करती है। ऐसा उसने वादी को ब्लैकमेल व संपत्ति हडपने के लिए किया था। इसकी रिपोर्ट उसने सांगानेर पुलिस थाने में भी दर्ज कराई थी, लेकिन प्रतिवादियों ने इस ऑडियो को व्हाट्सएप व यूट्यूब पर भी चलाया और इससे वादी के परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। प्रतिवादियों ने ऐसा राजनीतिक द्वेषता से किया है। जिसके चलते उसकी व उसके परिवार की प्रदेश सहित अन्य जगहों पर भी बदनामी हुई है। ऐसे में वह प्रतिवादियों से दस करोड रुपए की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने की अधिकारी है।

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(Udaipur Kiran)

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