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जोधपुर, 15 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सीनियर सेकेंडरी के समकक्ष पीयूसी योग्यता के आधार पर अयोग्य घोषित नहीं कर अपीलार्थियों को नर्सिंग ऑफिसर पद पर नियुक्ति दिए जाने के आदेश दिए है। नर्सिंग ऑफिसर भर्ती 2023 में जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्या पीठ उदयपुर से उत्तीर्ण पीयूसी कोर्स को सीनियर सैकंडरी परीक्षा के समकक्ष नहीं माने जाने को लेकर पेश हुई रिट याचिकाओं को एकलपीठ ने खारिज कर दिया था। इस पर हाइकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और चंद्रप्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब तलब करते हुए अंतरिम आदेश जारी किए है।
पाली जिले में देसूरी निवासी जसाराम चौहान और गोपाल कृष्ण शर्मा की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा नर्सिंग ऑफिसर के 6981 पदों हेतु जारी विज्ञप्ति में आवश्यक योग्यता सीनियर सेकेंडरी और समकक्ष, नर्सिंग डिप्लोमा और नर्सिंग काउन्सिल में पंजीयन रखी गई। याचिकाकर्ता ने जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्या पीठ उदयपुर से वर्ष 2005 में पीयूसी (प्री यूनिवर्सिटी कोर्स) उत्तीर्ण कर लिया था, जिसे सीनियर सैकंडरी परीक्षा के समान समकक्षता हैं और इसी योग्यता के आधार पर पहले तीन वर्षीय नर्सिंग डिप्लोमा में प्रवेश दिया गया और फिर इसी योग्यता के आधार पर नर्सिंग काउन्सिल में पंजीयन कर वर्ष 2014 में जीएनएम पद पर संविदा नौकरी दी गई।
याचिकाकर्ता जसाराम आज तक मथुरादास माथुर अस्पताल में कार्यरत हैं लेकिन अब नियमित भर्ती 2023 में वर्ष 2005 की पीयूसी योग्यता को बारहवीं कक्षा के समकक्ष नहीं माने जाने और नर्सिंग ऑफिसर पद पर नियुक्ति से वंचित कर देने को लेकर रिट याचिकाएं पेश की गई। एकलपीठ न्यायाधीश ने वर्ष 2024 में दिये पूर्व फैसले के आधार पर याचिकाएं ख़ारिज कर दी जिस पर हाइकोर्ट की खंडपीठ में स्पेशल अपील पेश की गई।
अयोग्य घोषित करना गैर वाजिब
अपील की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता खि़लेरी ने बताया कि उक्त पीयूसी योग्यता को सीनियर सेकेंडरी के समकक्ष मानकर राज्य सरकार ने उसे राजकीय नर्सिंग स्कूल से डिप्लोमा कोर्स करवाने के बाद राजकीय अस्पताल में सविंदा नियुक्ति दी, ऐसे में अब नियमित भर्ती के समय भर्ती से अयोग्य घोषित कर देना गैर वाजिब हैं। उल्लेखनीय है कि समकक्षता देने का क्षेत्राधिकार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर को है, जिसकी अनुभवी विषय विशेषज्ञ की कमेटी ने याचिकाकर्ता की पीयूसी योग्यता को सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के समकक्ष निर्धारित कर आदेश भी जारी कर दिया। ऐसे में एकलपीठ द्वारा इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांसड स्टडीज बनाम भारत संघ में पारित पूर्व निर्णय दिनांक आठ जनवरी 2024 याचिकाकर्ताओं के प्रकरण में लागू ही नही होता है, क्योंकि याचिकाकर्ताओं के जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ, उदयपुर से पीयूसी परीक्षा सत्र 2004-2005 को यूजीसी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, दूरस्थ शिक्षा काउन्सिल और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता दे रखी थी। सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और चंद्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने पीयूसी योग्यता के आधार पर अपीलार्थियों को अयोग्य नहीं ठहराने और अपील के अंतिम निर्णयाधीन नर्सिंग ऑफिसर पद पर नियुक्ति दिए जाने के अहम अंतरिम आदेश पारित करते हुए मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद नियत की।
(Udaipur Kiran) / सतीश
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