अमरावती, 01 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आंध्र प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड को लेकर एक अहम फैसला किया है। नायडू सरकार ने पिछली जगन मोहन सरकार द्वारा गठित वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया गया है। राज्य के कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन. मोहम्मद फारूक ने बताया कि इस संबंध में शनिवार देर शाम आदेश जारी किया गया है।
आंध्र प्रदेश सरकार अब एक नया बोर्ड गठित करेगी। सरकार ने पिछली सरकार के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए जीओ-47 को रद्द करते हुए जीओ-75 जारी किया। इसे वापस लेने के पीछे कई कारण बताए गए हैं। सरकार ने कहा है कि राज्य में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं। हालांकि, वक्फ बोर्ड ने यह पाते हुए बिल रद्द कर दिया कि संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री अंजद बाशा इस बात से नाराज थे कि तेलुगु देशम पार्टी, भाजपा की गठबंधन सरकार बनने के छह महीने में ही जनता से किये गये वादे से मुकर गई है। आज रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू की सरकार सिर्फ पार्टी को मजबूत बनाने के उपाय ही देख रही है, एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है।
सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा वे धन की कमी के लिए वाईएस जगन को दोष देने में समय बिता रहे हैं। वे अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए ध्यान भटकाने वाली राजनीति कर रहे हैं।
अंजद बाशा ने कहा कि जब बोर्ड सदस्यों ने चेयरमैन चुना तो टीडीपी ने कोर्ट में केस दायर कर इसे रोक दिया। उस दिन अध्यक्ष के चुनाव के बिना ही चार याचिकाएं दायर की गईं। यह मामला अब भी अदालत में है.. और समिति कैसे भंग होगी..? उन्होंने सरकारी ऑर्डर को रद्द कर दिया कि केवल टीडीपी ने उन्हें काम पर रखा जो वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।
उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि लंबे समय से काम नहीं कर पाने के कारण बोर्ड को रद्द कर दिया गया है। क्या यह आपकी टीडीपी नहीं है जिसने अदालत में मामले दायर किए और उन्हें काम करने से रोका? अगर आप वाकई ईमानदार हैं तो आपको कोर्ट में रिट वापस ले लेनी चाहिए.. लेकिन बोर्ड रद्द करना क्या है..? 2014-19 के मध्य में, चंद्रबाबू ने वास्तविक वक्फ बोर्ड की स्थापना नहीं की। अगर चंद्रबाबू कमेटी 2018 में बनती है तो इसका कार्यकाल 2023 तक है।
भाषा ने कहा कि तत्कालीन बोर्ड सदस्य जलील खान और आमिर बाबू जैसे लोग इस्तीफा देकर चले गए। उस बोर्ड की अवधि समाप्त होने के बाद ही हमने नया बोर्ड लगाया। लेकिन हमारे बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने से पहले बोर्ड को रद्द करना गलत है। केंद्र सरकार वक्फ संशोधन कानून लेकर आई है.. मुस्लिम इसका विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी ने संसद में वाईएस जगन के आदेश का विरोध किया। वक्फ संपत्तियों को अलग करने के लिए यह कानून लाया जा रहा है। इससे मुसलमानों के अधिकारों को नुकसान हो रहा है.. इसलिए वाईएसआरसीपी इस बिल के खिलाफ है। जमात मुस्लिम नेताओं ने भी जगन को धन्यवाद दिया। हम निश्चित रूप से कानून के मुताबिक जियो 47 को रद्द करने के खिलाफ लड़ेंगे। बाशा ने स्पष्ट किया कि जहां भी अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय होगा, हम वाईएसआरसीपी की ओर से लड़ेंगे।
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(Udaipur Kiran) / नागराज राव