Assam

मुख्यमंत्री के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी के लिए मामला दर्ज कराएगा विपक्ष

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए असम के विपक्षी एकता मंच के नेताओं की तस्वीर।

– विपक्षी एकता मंच ने की राज्यपाल और राष्ट्रपति से मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग

गुवाहाटी, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । विपक्षी एकता मंच (ओयूएफ) ने राज्यपाल और राष्ट्रपति से मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा को उनकी सांप्रदायिक और असंवैधानिक टिप्पणी और खुद की तुलना पागल कुत्ते से करने के लिए बर्खास्त करने की मांग की है। विपक्षी एकता मंच 28 अगस्त को दिसपुर थाने में मुख्यमंत्री के खिलाफ विधानसभा के अंदर और बाहर सांप्रदायिक झड़पों को भड़काने वाली उनकी सांप्रदायिक टिप्पणियों के लिए मामला दर्ज कराएगा। विपक्षी एकता मंच मुख्यमंत्री और उनके परिवार की बेहिसाब संपत्तियों की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग करेगा।

राज्य के विपक्षी एकता मंच तथा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की।

इससे पहले 18 राजनीतिक दलों के अध्यक्ष और राज्य सचिवों ने एक बैठक की। विपक्ष ने कहा कि डॉ. सरमा एक पागल व्यक्ति हैं और असम उनके हाथों में सुरक्षित नहीं है। हिमंत बिस्व सरमा कभी नहीं चाहते कि असम के जातीय समूहों की समस्याओं का समाधान हो। इस मुख्यमंत्री ने असम की नई पीढ़ी के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष पैदा करने की कोशिश जारी है। बदरुद्दीन अजमल की हार के बाद वह अपना रास्ता भटक गए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि असम के मूल लोगों की समस्याओं का समाधान हो। मुख्यमंत्री असम समझौते के अनुच्छेद 6 को लागू करने में विफल रहे।

इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही कांग्रेस सांसद प्रद्युत बरदलै, सांसद रकिबुल हुसैन, राज्यसभा सांसद अजीत कुमार भुईयां, प्रतिपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया, सीपीएम के नेता सुप्रकाश तालुकदार, विरोधी एक्य के मंच के सचिव लुरिन ज्योति गोगोई आदि नेता मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश / अरविन्द राय

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