धर्मशाला, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत पोंग बांध क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों की राय ली जानी चाहिए। क्षेत्र के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों को विस्तार देते हुए स्थानीय लोगों की सहभागिता भी उसमें सुनिश्चित हो। स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत बुधवार को जिला गंतव्य प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने यह बात कही।
बैठक में स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत पोंग बांध क्षेत्र को विकसित करने के लिए बने मास्टर प्लान पर विस्तार से चर्चा हुई। चर्चा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि पोंग से जुड़े क्षेत्र में पर्यटन के हिसाब से किन गतिविधियों या परियोजनाओं पर कार्य किया जा सकता है, इसके लिए कंसल्टेंसी फर्म स्थानीय लोगों से भी सुझाव ले।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिला कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पोंग बांध क्षेत्र में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़वा देने के लिए सरकार और जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत भी इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि पोंग बांध क्षेत्र में मतियाल, खटियार, नंगल चौक, नगरोटा सूरियां और हरिपुर गुलेर के इलाकों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा।
खटियाड़ में भूमि चयनित
हेमराज बैरवा ने बताया कि स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत खटियाड़ में पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले के अधिकारियों ने 14 अगस्त को मौके पर जाकर खटियाड़ में भूमि का निरीक्षण कर लिया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद चयनित भूमि को विभाग के नाम हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को अब आगे बढ़ाया जाएगा। खटियाड़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए यहां कॉटेज, पूल, स्पा और रेस्टोरेंट जैसी आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा वॉटर स्पोर्टस्, साहसिक खेल, स्थानीय भोजन, संस्कृति और कला को भी प्रमोट किया जाएगा।
प्रकृति के अनुरूप बनें स्ट्रक्चर
उपायुक्त ने कहा कि पोंग बांध का क्षेत्र पर्यावरण के हिसाब से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है, इसलिए यहां की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए ही निर्माण कार्य किए जाएं। यहां बनने वाले स्ट्रक्चर में स्थानीय प्रकृति से जितनी कम छेड़-छाड़ की जाए उतना अच्छा है। उन्होंने कहा कि शहर की भीड़-भाड़ और व्यस्त दिनचर्या से पर्यटक जब यहां आराम करने आएगा तो वे भी प्रकृति के बीच शांत जगह में रहना पसंद करेगा। इसको ध्यान में रखते हुए यहां ज्यादा से ज्यादा वॉकिंग ट्रेल्स और साइकलिंग ट्रेल्स बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए जो मास्टर प्लान निजी कंसल्टेंसी फर्म द्वारा बनाया गया है उसमें कचरा प्रबंधन को लेकर भी पूरी योजना बनाई जाए।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया