Uttrakhand

ऑपरेशन स्माइल: मानवीय संवेदना और तकनीक के संगम से अपनों को मिली मुस्कान

एक बच्चे काे परिजनाें से मिलाते डीजीपी।

-ऑपरेशन स्माइल केवल खोज न होकर, मानवीय संवेदना व समर्पण का प्रतीक : डीजीपी

देहरादून, 10 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उत्तराखण्ड पुलिस का गुमशुदा बच्चों, महिलाओं व पुरुषों की तलाश के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन स्माइल अभियान मानवीय संवेदना और समर्पण का प्रतीक बन गया है। यह अभियान उन परिवारों के लिए खुशियों की किरण साबित हो रहा है जो अपनों के खो जाने के गम में डूबे थे। पुलिस अब इस अभियान को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़कर और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। वर्ष 2024 में पुलिस ने इस अभियान के तहत 2509 गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाया।

पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि अब अभियान को नई तकनीक से जोड़कर और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के पहले चरण (01 मई से 30 जून 2024) में 1370 और दूसरे चरण (15 अक्टूबर से 15 दिसम्बर 2024) में 1139 गुमशुदा बच्चों को सुरक्षित रूप से उनके परिवारों तक पहुंचाया गया।

उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल में 4-4 व अन्य जनपदों व रेलवे में 1-1 टीम गठित कर कुल 26 खोज टीमों का गठन किया गया। प्रत्येक टीम में महिला पुलिसकर्मी की नियुक्ति की गई है। मात्र यही नहीं बल्कि प्रदेश एवं सीमावर्ती राज्यों में मिले लावारिस शवों की पहचान कर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपने का कार्य भी इस अभियान के तहत किया गया।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि ऑपरेशन स्माइल केवल एक पुलिस कार्यवाही नहीं, बल्कि यह एक मानवीय प्रयास है, जो परिजन वर्षों से अपने अपनों की प्रतीक्षा कर रहे थे, उन परिवारों के लिए आशा की नई किरण बना है। उत्तराखण्ड पुलिस की यह सफलता उसकी संवेदनशीलता और सेवा भाव का प्रमाण है। ऑपरेशन स्माइल वर्ष 2015 से लगातार संचालित किया जा रहा है, जिसमें साल दर साल उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों में इस अभियान में 3331 बच्चे, 1627 पुरुष, 2162 महिलाएं सहित कुल 7120 गुमशुदाओं को बरामद कर सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है।

सीमित संसाधनों के बावजूद पुलिस टीमों ने अपनी कार्यशैली, प्रतिबद्धता और समर्पण से इस अभियान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि भविष्य में अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अगले चरण की शीघ्र शुरूआत की जाएगी, जिसमें नेटग्रिड सहित अन्य एडवांस तकनीक के उपयोग से पुराने मामलों की भी पुनः समीक्षा कर वर्षों से लंबित गुमशुदगी के मामलों में बरामदगी के हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। पुलिस महानिदेशक सेठ खाेए बच्चाें के मिलने पर उन्हें उपहार भी देते हैं।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal

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